देवताओं के गुरु बृहस्पति जीवन में विस्तार, उन्नति, धन सम्पत्ति, ज्ञान के धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं. बिना गुरु कृपा के मनुष्य की ईच्छापूर्ति नहीं होती. गुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं. धनु राशि गुरु की मूल त्रिकोण राशि है. गुरु किसी एक राशि में करीब साल भर रहते हैं. गुरु सम्वत्सर के स्वामी हैं, इनका राशि परिवर्तन साल में एकबार होता है. जब भी गुरु का राशि परिवर्तन होता है तो इसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों के जीवन पर अवश्य ही पड़ता है. गुरु बृहस्पति का वृषभ राशि Taurus में 1 मई को गोचर होगा. देवगुरु वृषभ राशि में 10:30 AM को प्रवेश करेंगे. गुरु ग्रह जातक के जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करते है, धन और पर इनका विशेष अधिकार है साथ में सन्तान कारक भी हैं. बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कुछ राशियों के जीवन में सफलता लेकर आएगा जबकि कुछ के लिए परेशानी भी हो सकती है. कुछ लग्नों और राशियों में गुरु शुभ नहीं होते. किन राशियों के लिए बृहस्पति का गोचर शुभ रहेगा, 3 राशियों का सामान्य फल कहा जा रहा है, 3 राशियों का फल कल पढ़ें –
मेष-
बृहस्पति मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं. यह दूसरे धन भाव में गोचर करेंगे. गुरु का धन भाव में गोचर इन जातकों के लिए शुभ फलदायी होगा. गुरु मेष राशिवालों के लिए तरक्की लेकर आ रहा है, इनकी इच्छाएं पूर्ण होंगी. नौकरी में तरक्की और सफलता पाने के मौके मिलेंगे. इन जातकों की आय और धन में वृद्धि होगी, गुरु इन्हें नया घर भी दिला सकते हैं. इस अवधि में अविवाहितों की शादी के योग बनेंगे और संतान का इन्तेजार कर रहे जातकों को इस पक्ष से शुभ समाचार सुनने को मिल सकता हैं. घर का वातावरण सुखमय और शांतिपूर्ण रहेगा परन्तु अपने गोचर के अंतिम चरण में गुरु मुश्किलें भी पैदा करेगा..
वृषभ-
वृषभ राशि के जातकों के लिए भी यह गोचर शुभ रहने वाला है. वृषभ राशि के 8वें और 11वें भाव के स्वामी देवगुरु लग्न में गोचर करेंगे जहाँ ये दिग्बली होंगे. इस राशिवालों के कर्म क्षेत्र में सफलता एवं तरक्की होगी. कर्म क्षेत्र में इनका भाग्य साथ देगा और इनका पराक्रम बढ़ेगा. इनमे निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी और ये जातक बेहतर करेंगे. इन जातकों को विदेश यात्रा के योग रहेंगे तथा राजसत्ता से धन लाभ भी होगा. गुरु इनके धर्म भाव की वृद्धि करेंगे और इन्हें सुख की भी प्राप्ति होगी. सन्तान के सम्बन्ध में भी इन जातकों के लिए यह गोचर खुशखबरी ला सकता है. अष्टमेश होने से इस गोचर का उत्तरार्ध इन जातकों के लिए परेशानी अवश्य खड़ी कर सकता है.
कर्क –
गुरु इन राशियों के नवमेश हैं. नवमेश का राशि से 11वें भाव में गोचर शुभ फलदायी होगा. बृहस्पति इन जातकों के लिए अनेक प्रकार से लाभ के अवसर लेकर आ रहे हैं, इन जातकों का भाग्य साथ देगा और इनकी इच्जिछाएं पूर्सण होंगी. इनको से सभी तरह के कार्यों में सफलता प्राप्ति होगी. कर्क राशि में यह उच्च के होते हैं इसलिए गुरु इन जातकों के सुख की वृद्धि करेंगे. सभी तरह की भौतिक इच्छाओं की पूर्ति होगी और कार्यों में आ रही बाधाएं भी दूर होंगी. इन जातकों में आपको आत्मविश्वास बढ़ेगा और विदेश यात्रा के योग भी रहेंगे. गुरु इनके धन की वृद्धि करेंगे, कर्म क्षेत्र में भी सफलता दिलाएंगे. इन जातकों का यह वर्ष बेहतर होने जा रहा है.

