अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है. अष्टमी में मां दुर्गा का भी पूजन प्रशस्त है. जो लोग अहोई अष्टमी नहीं करते वो इस दिन दुर्गा का पूजन करके इस दिन को सफल कर सकते हैं.. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी में विधि पूर्व दुर्गा माता की पूजा करने से सभी कष्टों का नाश होता है. अहोई अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, साध्य योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है ऐसे में इन योगो में दुर्गा की कोई छोटी साधना करना चाहिए.
अहोई देवी भी माता पार्वती के रूप ही हैं ऐसे में दुर्गा जी की पूजा उपासना करने वालों को भी सभी फल प्राप्त होंगे. अहोई अष्टमी गुरुवार को गुरु पुष्य योग, साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग व पुष्य नक्षत्र में मनाई जाएगी. इस दिन सुबह 6.15 बजे से अगले दिन सुबह 7.40 बजे तक गुरु पुष्य योग है. पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा. सभी योग सिद्धिप्रद हैं, इन योगो में उपासना फलदायी होती है.
पंचांग अनुसार, अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर को रात 01 बजकर 21 मिनट से प्रारम्भ होगी, सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा. यह 24 अक्टूबर को रात 01:58 बजे अष्टमी तिथि समाप्त हो जाएगी. इस समय त्रिकाल दुर्गा पूजन करें और तीनो समय देवी के स्तोत्र का विधिवत संकल्प पूर्वक पाठ करें या मन्त्र का अनुष्ठान करें

