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सप्तम भाव को जाया भाव कहते हैं अर्थात यह स्त्री की कुंडली में पति का और पुरुष की कुंडली में पत्नी का हॉउस होता है. इस भाव में पाप ग्रह बैठे तो पति-पत्नी के सम्बन्ध बिगड़ते हैं और वैवाहिक जीवन का सुख नहीं मिलता. इस सम्बन्ध में उपाय कई प्रकार के किये जाते हैं. सप्तमेश पीड़ित हो, नीच का हो या सप्तम में पाप ग्रह हो या सप्तम भाव का स्वामी खराब स्थान में स्थित हो या सप्तक हॉउस का कारक पीड़ित हो या पाप ग्रहों के मध्य हो, तो सबके लिए अलग से उपाय करने चाहिए. कोई जरूरी नहीं एक उपाय ही कारगर हो, जो उपाय शास्त्र में कहे गये हैं वो सभी करने चाहिए. यहाँ राशि के अनुसार पाप ग्रहों के उपाय बताये जा रहे हैं-

1-यदि सप्तम भाव में पाप ग्रह मंगल की मेष या वृश्चिक राशि में हो तो जातक को प्रतिदिन मन्दिर एक दीपक का दान करना चाहिए.

2-यदि सप्तम भाव में पाप ग्रह चन्द्रमा और शुक्र की कर्क, तुला, वृषभ राशि में हो तो जातक को प्रतिदिन देवी पार्वती या लक्ष्मी को खीर, घी, दूध आदि का भोग लगाना चाहिए.

३-यदि सप्तम भाव में पाप ग्रह बुध की राशि मिथुन और कन्या राशि में हो तो जातक को प्रतिदिन भगवान विष्णु को या शिव को चन्दन का लेप लगाना चाहिए और अर्पित करना चाहिए.

4-यदि सप्तम भाव में पाप ग्रह गुरु बृहस्पति की धनु या मीन राशि में हो तो जातक को प्रतिदिन विष्णु भगवान एक पीले रंग की सुगन्धित माला अर्पित करना चाहिए.

5-यदि सप्तम भाव में पाप ग्रह शनि की मकर या कुम्भ राशि में हो तो जातक को प्रतिदिन मन्दिर में काली या दुर्गा को शनिवार को वस्त्र या आभूषण अर्पित करना चाहिए.