
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ से कई लोगों के घायल होने, लापता होने और 17 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर से न केवल देश की जनता नाराज है बल्कि कुछ समवेदनशील साधु महात्मा भी बड़े नाराज है. महाकुंभ में भगदड़ और मौतों पर बात चीत करते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी भावुक होकर रोने लगे और उन्होंने मोदी-योगी सरकार निकम्मा बताया और कहा कि योगी प्रशासन सिर्फ VIP की जी हुज़ूरी में लगा रहा, इनका मेला की जनता से कोई सरोकार नहीं था. मेला की व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई थी.
उन्होंने कहा न्यूज चैनल से कि “हमारे देश में सेवाभावी लोगों की कमी नहीं है. अगर ये कुंभ सेना के हवाले हो जाता तो मुझे नहीं लगता है कि इतना बड़ा हादसा होता. हमें इस घटना का बहुत दुख है.. देखिए अखाड़े तो जो प्रशासन व्यवस्था करती है उसी के अनुसार चलते हैं. हम लोग संवैधानिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं और जो संवैधानिक के तहत इस मेले की जवाबदारी प्रशासन की है जो भली भांति इसे संपन्न कराये.”