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स्वप्न विमर्श हिन्दू धर्म के शास्त्रों में एक प्रमुख विर्मश है. सभी हिन्दू शास्त्रों में शुभा-शुभ स्वप्न फल का विस्तृत वर्णन है. ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी सपनों के फल का विस्तार से वर्णन किया गया है. नन्द जी द्वारा पूछे जाने पर भगवान श्री कृष्ण ने स्वप्न फल का विस्तार से वर्णन किया है. पाठकों के कल्याण लिए यहाँ विस्तार से शुभ फलों का वर्णन किया जा रहा है –

नन्द ने पूछा:
हे प्रभु, मुझे बताएं कि किस तरह के सपने देखने वाले को मनुष्य को प्रसन्नता और अच्छे परिणाम देते हैं.

भगवान बोले -सामवेद को सभी मामलों में एक प्रमाण माना जाता है. अब आप मुझसे उन शुभ सपनों के बारे में सुनें जो हमेशा शुभ परिणाम देते हैं, जैसा कि सामवेद के कण्व पाठ के पुण्य कांड में वर्णित है.

रात के पहले पहर (यम या प्रहर) के सपने एक साल में, दूसरे पहर के सपने आठ महीने में, तीसरे पहर के तीन महीने में, चौथे के एक पखवाड़े में, भोर के सपने दस दिन में फल दिखाते हैं. सुबह के सपने तुरंत परिणाम देते हैं यदि देखने वाला सपने के बाद जाग जाए. (रात के प्रहर ये हैं- प्रदोष, निशिथ, त्रियामा, उषा. एक प्रहर तीन घंटे या साढ़े सात घटी का होता है. )

मानसिक रूप से चिंतित या शारीरिक रूप से बीमार व्यक्ति द्वारा देखा गया सपना व्यर्थ हो जाता है. रोगी, भयभीत, नग्न, बिखरे बाल वाले अथवा मल-मूत्र से सने हुए मनुष्य द्वारा देखे गए स्वप्न व्यर्थ हो जाते हैं. यदि स्वप्न देखने वाला स्वप्न देखने के बाद पुनः सो जाता है या अपनी मूर्खता के कारण उसी रात्रि में किसी दूसरे को बता देता है तो स्वप्न व्यर्थ हो जाता है.

कश्यप वंश के किसी व्यक्ति को अपने सपने का खुलासा करने से बताने वाले को खतरा होता है. किसी परेशान व्यक्ति को अपने सपने का खुलासा होने से परेशानी होती है और किसी नीच व्यक्ति को अपने सपने का खुलासा होने से सपने देखने वाले को बीमारी होती है. शत्रु को स्वप्न बताने से भय प्रकट होता है. मूर्ख (या अनपढ़ व्यक्ति) को बताने से झगड़ा होता है. स्त्री को सपने बताने से धन की हानि होती है. रात्रि के समय सपने को प्रकट करने पर उसे चोरों से भय होता है, नींद में होने पर उसे शोक होता है, परंतु यदि वह किसी विद्वान व्यक्ति को स्वप्न के बारे में बताता है तो उसे इच्छित वस्तु की प्राप्ति होती है. लेकिन, हे नंद, सपने अच्छे होते हुए भी कश्यप वंश के किसी व्यक्ति को नहीं बताए जाने चाहिए,भले ही वह विद्वान हो.

यदि कोई व्यक्ति सपने में बैल, हाथी या घोड़े की सवारी करता है,या किसी पेड़ या पहाड़ पर चढ़ता है या खाता है या विलाप करता है, तो उसे धन प्राप्त होता है. यदि उसे स्वप्न में वीणा प्राप्त हो तो वह धन-धान्य से समृद्ध हो जाता है. यदि वह शस्त्र से घायल हो,मल-मूत्र या रक्त से सना हुआ हो,फोड़े-फुंसियों या कीड़ों के काटने से पीड़ित हो तो उसे धन की प्राप्ति होती है. यदि वह सपने में अनाचार, विवाह, मूत्र में वीर्य मिलाकर पीना, किसी शहर (रात में) या नर्क में प्रवेश करना और मूत्र या अमृत में रक्त मिलाकर पीना देखता है उसे अनुकूल समाचार और अपार धन प्राप्त होता है.

जो व्यक्ति सपने में हाथी, राजा,सोना,बैल,गाय, दीपक,भोजन,फल,फूल, युवती, छाता, रथ या रिश्तेदार देखता है तो इन सपनों से उसे प्रसिद्धि और अपार धन की प्राप्ति होती है. यदि वह सपने में पानी से भरा घड़ा, द्विज व्यक्ति (ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य), आग, फूल, पान, मंदिर, सफेद, धान, खंजर या सार्वजनिक महिला को देखता है तो उसे भाग्य मिलता है. यदि वह सपने में गाय का दूध या घृत देखता है तो उसे भी पुण्य और धन की प्राप्ति होती है.

यदि वह सपने में दही, दूध, घी, शहद, मिठाई या कमल के पत्ते से बने चावल का भोग लगाता है तो वह निश्चित ही राजा बनता है. यदि मनुष्य स्वप्न में मनुष्य पक्षियों का मांस खाता है तो उसे इच्छित वस्तु की प्राप्ति होती है, सुखद समाचार मिलता है और बहुत धन मिलता है. यदि वह सपने में सड़क पर छाता या जूते की जोड़ी या तेज धार वाली तलवार लेकर चलता है तो उसे वही परिणाम मिलेंगे (जैसा कि पीछे बताया गया है).

यदि कोई व्यक्ति सपने में नाव की सहायता से तैरता है तो वह बहुत प्रतिष्ठित हो जाता है और फल वाले पेड़ का सपना देखने से व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है. जिसके दाहिने हाथ में (स्वप्न में) सफेद सांप काट ले, उसे शीघ्र ही विनम्र एवं मधुरभाषी पत्नी मिलती है.

घोड़ी, मुर्गी, मादा पनमुर्ग़ी का सपना देखे तो पत्नी मिलती है और जंजीर से बंधे होने का सपना अच्छी प्रसिद्धि देता है. यदि कोई व्यक्ति सपने में खुद को सांप द्वारा काटे हुए देखता है तो उसे धन की प्राप्ति होती है और यदि वह सपने में सूर्य या चंद्रमा को देखता है तो उसे बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है.

जो व्यक्ति सपने में किसी नदी या नदी के किनारे कमल के पौधे के सूखे पत्ते पर दही भात खाता है, वह राजा बनता है. जो (स्वप्न में) जोंक, बिच्छू अथवा साँप देखता है, उसे धन, पुत्र, विजय तथा यश की प्राप्ति होती है. जो व्यक्ति स्वप्न में सींगदार या नुकीले जानवरों, सूअर या बंदरों से घायल होता है, वह निश्चित ही राजा बनता है और उसे अपार धन की प्राप्ति होती है. सपने में मछली का मांस, मोती, शंख, चंदन या हीरा देखने से अपार धन की प्राप्ति होती है.

स्वप्न में शराब, खून, सोना और मल देखने से धन की प्राप्ति होती है और शिव लिंग की छवि या प्रतीक देखने से विजय प्राप्त होती है. जो व्यक्ति सपने में आम या मुरमुले के फूल और फल वाला वृक्ष देखता है, उसे धन की प्राप्ति होती है. यदि वह सपने में जलती हुई आग देखता है तो उसे धन, बुद्धि और समृद्धि भी मिलती है.

सपने में आमलकी या हरीतकी का फल और कमल का फूल देखने से धन की प्राप्ति होती है. मनुष्य स्वप्न में देवताओं, ब्राह्मणों, गौओं, जटाओं अथवा भिक्षुओं द्वारा अर्पित जो कुछ भी देखता है, वही उसे प्राप्त होता है. स्वप्न में सफेद वस्त्र, सफेद माला और सफेद अंगवस्त्र पहने स्त्री से आलिंगन करने से व्यक्ति को समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है. जो व्यक्ति पीले वस्त्र पहने और माला पहने हुए स्त्री को गले लगाता है, उसे समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है.

राख, हड्डियों और कपास को छोड़कर सभी सफेद वस्तुओं का सपना देखना शुभ है; जबकि गाय, हाथी, देवता और ब्राह्मण को छोड़कर काली वस्तुएं अशुभ होती हैं. जो व्यक्ति सपने में मुस्कुराता हुआ चेहरा और आभूषण पहने एक दिव्य स्त्री या ब्राह्मण महिला को अपने घर में प्रवेश करता हुआ पाता है, उसे अच्छे दोस्त मिलते हैं.

जो व्यक्ति स्वप्न में एक ब्राह्मण, ब्राह्मण महिला, देवी, कोई दिव्य युवती, रत्नों से जड़े आभूषण पहने आठ साल की लड़की से खुशियाँ प्राप्त करता है, उससे देवी दुर्गा स्वयं प्रसन्न होती हैं. जिस व्यक्ति को सपने में प्रसन्न ब्राह्मण या मुस्कुराती हुई ब्राह्मण महिला फल देती है, उसे पुत्र प्राप्त होता है.

जिस व्यक्ति को सपने में प्रसन्न ब्राह्मण या मुस्कुराती हुई ब्राह्मण महिला फल देती है, उसे पुत्र प्राप्त होता है. हे नन्द ! जिस व्यक्ति को सपने में ब्राह्मण आशीर्वाद देता है, उसे उस आशीर्वाद का फल मिलता है और वह निश्चित रूप से धन प्राप्त करता है. जो (स्वप्न में) एक संतुष्ट ब्राह्मण को अपने घर में प्रवेश करते हुए देखता है, उसे अपने घर में नारायण, शिव और ब्रह्मा के प्रवेश का आशीर्वाद मिलता है और उसे विशाल संपत्ति, यश और कल्याण प्राप्त होता है, वह हर कदम पर आनंद, नाम और प्रसिद्धि भी प्राप्त करता है.

यदि किसी को सपने में सुरभि गाय से मिलने का अवसर मिले तो उसे जमीन-जायदाद और समर्पित पत्नी की प्राप्ति होती है. वेदों में कहा गया है कि हाथी जिसे अपनी सूंड से उठाकर अपने सिर पर रख लेता है, वह राजा बनता है. ​​हे नन्द ! स्वप्न में प्रसन्न ब्राह्मण जिसे गले लगाता है, वह निस्संदेह पवित्र और भाग्यशाली होता है.

जो धर्मात्मा व्यक्ति स्वप्न में ब्राह्मण से पुष्प भेंट प्राप्त करता है, वह विजयी, प्रसिद्ध, धनवान और सुखी होता है. स्वप्न में पवित्र स्थान, राजसी भवन, रत्न और मकान देखने से मनुष्य विजयी, धनवान और पवित्र स्थानों में स्नान करने से भाग्यशाली होता है. जो व्यक्ति स्वप्न में जल से भरा हुआ घड़ा किसी को देता है, उसे पुत्र-संतान तथा संपत्ति की प्राप्ति होती है.

जो स्वप्न में एक सुन्दर स्त्री को नाप-तौल का पात्र और कुदव तथा अधक लेकर अपने घर में प्रवेश करता हुआ देखता है, उसे धन की प्राप्ति होती है. हे नन्द ! जिसके घर में दिव्य स्त्री आकर शौच करती है, उसे धन की प्राप्ति होती है और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है.

जो स्वप्न में शम्भू को पार्वती के साथ, नारायण को लक्ष्मी के साथ या ब्राह्मण को अपनी पत्नी के साथ अपने घर में प्रवेश करते हुए देखता है (वह जीवन के हर क्षेत्र में समृद्धि प्राप्त करता है). जिसे कोई ब्राह्मण या ब्राह्मणी धान या एक मुट्ठी फूल अर्पित करती है, उसे हर क्षेत्र में समृद्धि मिलती है. हे नन्द, जो स्वप्न में ब्राह्मण के हाथ से मोती की माला, फूलों की माला, चंदन की लकड़ी प्राप्त करता है, वह धन पाता है और हर तरह से सुखी होता है.

जो व्यक्ति स्वप्न में पीला गेरू, ध्वज, हल्दी, गन्ना तथा उबले चावल ग्रहण करता है, उसे सर्वतोमुखी समृद्धि प्राप्त होती है. स्वप्न में जिसके सिर पर कोई ब्राह्मण या ब्राह्मणी छाता रखती हो या सफेद धान बिखेरती हो, वह राजा बनता है. यदि कोई व्यक्ति स्वप्न में सफेद माला और सफेद वस्त्र पहने हुए रथ पर बैठकर दही और दलिया (दूध में पका हुआ चावल) खाता है, तो वह राजा बनता है.

स्वप्न में जिसे कोई ब्राह्मण या ब्राह्मण स्त्री अमृत, दही या पुरस्कार देती है, वह निश्चय ही राजा बनता या राजसी समृद्धि प्राप्त करता. वह पुण्यात्मा व्यक्ति, जिसे कोई ब्राह्मण स्वप्न में पुस्तक देता है, वह विश्व-प्रसिद्ध महान कवि और अत्यंत विद्वान व्यक्ति बन जाता है. यदि कोई स्त्री स्वप्न में माता के समान किसी को शिक्षा देती है तो शिक्षा ग्रहण करने वाला स्वयं देवी सरस्वती के पुत्र के समान अद्वितीय विद्वान होता है.

यदि कोई ब्राह्मण स्वप्न में पिता के समान किसी को पढ़ाता है, और उसे सपने में स्नेह से किताब देता है, तो बाद वाला इसी ब्राह्मण के समान हो जाता है. जिसे रास्ते में या कहीं और स्वप्न में पुस्तक मिलती है, वह विद्वान, विख्यात और संसार में विख्यात होता है. जो व्यक्ति किसी ब्राह्मण या ब्राह्मण महिला से महामंत्र की दीक्षा लेता है, वह बुद्धिमान, धनवान, निपुण और बुद्धिमान बन जाता है.

जिस व्यक्ति को कोई ब्राह्मण मंत्र या किसी देवता की पत्थर की मूर्ति अर्पित करता है, उसे उसी में संत प्राप्ति (सिद्धि) प्राप्त होती है. जो स्वप्न में भीड़ या ब्राह्मण और ब्राह्मणी को प्रणाम करता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करता है, वह सम्राट या विद्वान कवि बनता है. स्वप्न में संतुष्ट ब्राह्मण जिसे भूमि का एक टुकड़ा सफेद धान के साथ दान करता है, वह पृथ्वी का स्वामी बन जाता है.

यदि कोई ब्राह्मण स्वप्न में किसी को रथ में ले जाकर स्वर्ग के विभिन्न स्तर दिखाता है, तो द्रष्टा को उन्नत जीवन और धन की प्राप्ति होती है. यदि कोई ब्राह्मण या ब्राह्मण स्त्री प्रसन्न होकर किसी को अपनी बेटी देती है (सपने में विवाह में) तो प्राप्तकर्ता अद्भुत धन-संपदा वाला राजा बन जाता है. सपने में झील, समुद्र, नदी, सफेद सांप या सफेद पर्वत देखने से समृद्धि प्राप्त होती है.

स्वप्न में मृत शरीर देखने से मनुष्य दीर्घायु होता है, स्वप्न में रोगी को देखकर रोग से मुक्त होता है, सुखी मनुष्य को देखकर प्रसन्न होता है. जो स्वप्न में देखता है कि कोई स्वर्गीय या सुन्दर स्त्री उससे कह रही है, ‘कृपया मेरा पति बनो’ और इस स्वप्न के बाद दोबारा नहीं सोता, वह निश्चय ही राजा बनता है. स्वप्न में कन्या, स्फटिक मोतियों की माला, इन्द्रधनुष तथा सफेद बादल देखने से व्यक्ति को यश की प्राप्ति होती है.

वह, जिसे एक ब्राह्मण सपने में कहता है, “मेरे सेवक बनो”, पूर्ण भक्ति प्राप्त करके भगवान विष्णु का भक्त बन जाता है. स्वप्नों का रहस्य जानने वाले बुद्धिमान लोग कहते हैं कि ब्राह्मण स्त्री, लक्ष्मी, दुर्गा, सरस्वती, राधिका, ग्वालिन के वेष में, ग्वालिन के वेष में बालक का स्वप्न देखना शुभ होता है.