मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को होती है. अष्टमी दुर्गा माता की पूजा के लिए एक प्रशस्त तिथि है. ऐसा शास्त्रों में कहा गया है कि दुर्गा जी की पूजा अष्टमी और नवमी दोनों तिथियों में करना चाहिए. कुछ शास्त्रों में नवमी को विशेष प्रयोजन के लिए प्रशस्त कहा गया है. कार्तिक महीने ही हर एक तिथि शुभ है और हर तिथि में देव पूजन करना चाहिए. कार्तिक अष्टमी विशेष फलप्रद तिथि है. अष्टमी को श्रद्धा से देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर होती हैं. दुर्गा की पूजा और अनुष्ठान किसी भी ग्रह प्रकोप के लिए किया जा सकता है. दुर्गा देवी ही ग्रह नक्षत्र रूपिणी कही गई हैं. अनिष्ट राहु महादशा में दुर्गा जी की उपासना करने से तत्काल लाभ होता है.
अष्टमी मुहूर्त –
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 08 नवंबर को दोपहर 11 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी. अष्टमी तिथि का समापन 09 नवंबर को देर रात 10 बजकर 45 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 09 नवंबर को मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर वृद्धि योग है. इस योग का समापन 10 नवंबर को प्रातः काल 04 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है. इस योग में भी दुर्गा पूजन लाभप्रद होता है.
दुर्गा का पूजन कामनाओं के अनुसार करना चाहिए. कामनाओं के अनुसार ही मुहूर्त ग्रहण करना चाहिए. मंगल खराब स्थान हो या पाप ग्रह से पीड़ित हो तो दुर्गा की पूजा विधि पूर्वक सभी प्रकार के भोगो द्वारा करना चाहिए.

