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अयोध्या राम मन्दिर को चुनावी स्टेज बना कर देश के कार्पोरेट की मदद से एक Spectacle बनाया गया. यह सवाल जोर शोर से उठा कि अनावरण के सभी कर्म अधर्म पूर्वक अशास्त्रविहित किये गये. शिखरविहिन अधूरे मन्दिर में अंतिम समय में कपड़े का शिखर बना कर अधर्मिता को ढांपने- तोपने का प्रयास किया गया. इस बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने मोदी-हिंदुत्व की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर लिखा है कि “धर्म को राजनीतिक मंच पर लाने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है.”

ऊनके ट्विटर हैंडल पर यह संदेश है –

जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ था, तब मैंने वीडियो संदेश के माध्यम से इसका स्वागत किया था और देशवासियों को इस बहुप्रतिक्षित कार्यक्रम की बधाई दी थी. अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है. चूँकि वर्तमान में केन्द्र व राज्य में बीजेपी की सरकार है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन का दायित्व बीजेपी सरकार पर है। बीजेपी ने जिस तरह से इस कार्यक्रम को राजनीतिक स्वरूप दिया है और धर्म को राजनीतिक मंच पर लाने का प्रयास किया वह दुर्भाग्यपूर्ण है, दुखद है. भगवान राम हमेशा से हम सभी की आस्था का केंद्र रहे हैं, और हमेशा रहेंगे। इस पर राजनीति धार्मिक स्वतंत्रता और सनातनी परंपराओं के साथ खिलवाड़ है। आज हम सबके अराध्य प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर मैं पुनः देशवासियों को बधाई देता हूँ और प्रभु राम के चरणों में नमन करते हुये देशवासियों की समृद्धि और ख़ुशहाली की कामना करता हूँ. प्रभु राम सभी का कल्याण करें, सभी को निरोगी रखें, सभी की मनोकामना पूर्ण करें और देश में अमन-चैन और भाईचारे की रक्षा करें।