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त्रयोदशी भगवान शिव के पूजा की विशेष तिथि है, ऐसा कहा गया है इस एक तिथि में प्रदोष काल में शिव पूजन सहस्रगुना फलदायक होता है. हर महीने की त्रयोदशी महत्वपूर्ण है क्योंकि हर महीने के आदित्यगण अलग अलग होते हैं. ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. इस बार प्रदोष व्रत 19 जून, 2024 दिन बुधवार को किया जाएगा. त्रयोदशी बुधवार को पड़ रही है, बुधवार को पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है. ज्येष्ठ महीना भी बुध शासित है. यह संयोग है की ज्येष्ठ महीने में बुधवार को यह प्रदोष व्रत पड़ रहा है. बुध प्रदोष व्रत को करने से भौतिक उन्नति, ज्ञान और व्यापार में वृद्धि तथा धन लाभ होता है. इस प्रदोष व्रत से बुध दोष का प्रभाव कम होता है. बुध वाणी का कारक है और वेदांत का ग्रह है. बुद्ध अच्छा होने पर जातक विद्वान् और अच्छा कलाकार तथा लेखक होता है. पत्रकारों और मीडिया-कम्युनिकेशन के क्षेत्र में कार्य करने वालों को बुध प्रदोष व्रत करना लाभदायक होता है. बुध प्रदोष व्रत के साथ शिव का विधिवत पूजन आवश्यक है. प्रदोष काल में ही यह पूजन सम्पन करें.

प्रदोष मुहूर्त –

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जून, 2024 सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर होगी. इस तिथि का समापन अगले दिन 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा. पंचांगानुसार प्रदोष व्रत 19 जून दिन बुधवार को रखा जायेगा.

बुध प्रदोष के दिन यह न करें –

1. इस दिन काले रंग के वस्त्र न पहनें. हरे रंग का वस्त्र पहन कर पूजन करें और उसे दिन भर पहनें..

2. इस दिन शिवलिंग को स्पर्श न करें.

3. इस दिन शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं.

4-बुध प्रदोष के दिन सांड और गाय को हरी घास खिलाएं

5-शिव को हरी मूंग की खिचड़ी भोग लगायें

6. बुध प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन, मांस, मदिरा आदि का सेवन न करें.