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ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. पिछले मंगलवार को रथ यात्रा उत्सव के दौरान एक बड़ा अशुभ हादसा हो गया है जिससे उड़िया जन समुदाय में भय व्याप्त हो गया है. रथ यात्रा के दौरान यह अशुभ तब हुआ जब रथ से मूर्तियों को गुडिंचा मंदिर ले जाया जा रहा था, इस क्रम में जब भगवान बलभद्र की मूर्ति को अन्दर ले जा रहे थे तब बलभद्र की मूर्ति ही सेवादारों पर गिर गई. रथयात्रा के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ हुआ. इस हादसे में जगन्नाथ मंदिर के नौ सेवक घायल हो गए हैं. नौ घायलों में से पांच को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि चार अन्य को मामूली चोटें आईं है. रथयात्रा के दौरान यह दूसरा हादसा है. पुरी में रथयात्रा के दौरान पिछले रविवार को लगभग 130 लोग घायल हुए थे जबकि एक की मौत भी हो गई थी. जबसे उड़ीसा में भाजपा की सरकार बनी है तब से अशुभ ही हो रहा है.

दुर्घटना रात 9 बजे के बाद तब हुई जब मूर्ति को गुंडिचा मंदिर ले जाने के लिए भगवान बलभद्र के रथ से नीचे लाया जा रहा था. भगवान को ले जाने की इस प्रक्रिया को ‘पहांडी’ अनुष्ठान के नाम से जाना जाता है. सूत्रों के अनुसार मूर्ति से बंधी रस्सी में कुछ समस्या आने के कारण यह हादसा हुआ. मूर्ति को ले जाने वाले सेवादारों का संतुलन बिगड़ गया और मूर्ति नीचे गिर पड़ी.

इस दुर्घटना के बाद भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मूर्तियों को गुंडिचा मंदिर के अंदर ले जाया गया. गुंडिचा मंदिर में भगवान 15 जुलाई ‘बहुदा यात्रा’ तक रहेंगे. शुक्ल त्रयोदशी को भगवान पुन: रथ पर सवार होंगे और अपने घर जगन्नाथ मन्दिर पहुंचेंगे.