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 महाराष्ट्र में रविवार (02 जुलाई २०२३) का दिन सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार अपने चाचा को जोर का झटका देते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए. उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में राजभवन में शपथ ली थी. अजित पवार को विधायकों के साथ-साथ एनसीपी सांसद और एमएलसी का समर्थन मिला हुआ था. अजित पवार ने एनडीए में शामिल होने के बाद शरद पवार एनसीपी का चुनाव चिह्न भी छीन लिया था.

द्वादशेश और अष्टमेश या द्वादश तथा अष्टम स्थित ग्रह की दशा में जीवन में उथल पुथल मच जाता है. पैर के नीचे से जमीन सरक जायेगी और तुम स्वयं निःसहाय पाओगे करोगे. हर तरफ से हानि दिखेगी. शरद पवार की 2022 जनवरी से शुरू हुई बुध-शुक्र की दशा में इनकी पार्टी तबाह हो गई. महादशा स्वामी चतुर्थेश के नक्षत्र में है जो शरद पवार के भतीजे को सिग्नीफाई करता है. इस दशा में उनका सिम्बल भी लूट गया. द्वादशेश यदि दशा में हो तो एक खास गुण ये है इसका कि एक चेन रिएक्शन में चीजे खत्म होती हैं और तुम देखते रह जाते हो. यही सोनिया गाँधी की कुंडली में भी घटित हुआ. सोनिया की ज्येष्ठा स्थित केतु की जुलाई 2012 से 2019 तक चली महादशा में कांग्रेस बर्बाद हो गई और सिमट कर 44 पर आ गई. कांग्रेस परिवार तबाह हो गया था.

उद्धव ठाकरे की जब बृहस्पति में शुक्र की अन्तर्दशा चली तो सत्ता से गये साथ में पार्टी ऐसे खत्म हुई जैसे तूफान में घर तबाह हो जाता है. मतलब सिम्बल तक लूट गया था. परिवार संकट में आ गया. कन्या लग्न और मकर लग्न में गुरु अत्यंत अशुभ फल देता है. कन्या लग्न में बृहस्पति को केंद्राधिपत्य दोष लगा होता है. यह भी द्वादशेश की तरह ही अक्सर फल करता है और उथलपुथल मचा देता है. उद्धव ठाकरे की कन्या लग्न की कुंडली में बृहस्पति चतुर्थ भाव में अपनी ही राशि में है इसलिए केंद्राधिपत्य दोष है, शुक्र यदपि की नवमेश है लेकिन वह महादशा स्वामी से अशुभ स्थान में होने से दशा परेशानियों वाली हुई और उनकी हानि हुई. नवमेश का नवांशेश शनि शत्रु भाव का स्वामी है और बृहस्पति से युत है. यह फल भी आचार्यों ने कहा है कि चतुर्थ भाव में स्थित बृहस्पति बारह वर्ष के चक्र में जातक ने जो कुछ बनाया होता है उसका नाश करता है.