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हिन्दू ज्योतिष में जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताने वाले कारक ग्रह हैं. कारकत्व के अनुसार ही इनका नाम भी है. जन्म कुंडली में अंश -कला-विकला के अनुसार क्रम से निम्नलिखित सात कारक होते हैं -1. आत्मकारक 2. अमात्यकारक 3. भ्रातृकारक 4. मातृकारक 5. पुत्रकारक 6. ज्ञातिकारक 7. दाराकारक. सभी आठ ग्रहों (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शनि और राहु)) में जो ग्रह सबसे ज्यादा अंश का होता है वह चर आत्मकारक होता है. केतु आत्मकारक नहीं होता. आत्म कारक दो प्रकार के होते हैं- एक नैसर्गिक और एक तत्कालिक आत्मकारक. सूर्य सभी का नैसर्गिक आत्मकारक है हलांकि स्त्री के लिए चन्द्रमा भी नैसर्गिक आत्मकारक है. तात्कालिक आत्मकारक का सिद्धांत जैमिनी के सूत्रों से आता है. आत्मकारक का जन्म कुंडली में बहुत महत्व है. आत्मकारक जातक की सच्ची इच्छाओं को दिखाता है और जीवन के उद्देश्य को प्रकट करता है. आत्मकारक बताता है कि वह जातक वास्तव में भीतर से क्या है और क्या करना चाहता है. आत्मकारक ग्रह के चरित्र के अनुसार ही उसका स्वभाव होता है.
हम इस दो उदाहारण से संक्षिप्त में इसे देखते हैं –

नरेंद्र मोदी –
भाजपा नेता नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री हैं. इनकी जन्म कुंडली में सबसे ज्यादा अंशों में शनि स्थित है. यह 29″ 45′ का है और सभी ग्रहों ज्यादा अंश में है इसलिए यह उनका चर आत्मकारक है.
शनि एक नैसर्गिक पाप ग्रह और जन्म कुंडली में शुभ ग्रह नहीं है तथा यह शत्रु राशि में बैठा है.

आत्मा का चरित्र-
शनि यदि पाप ग्रह हो तो शनि के नकारात्मक पहलू अभिव्यक्त होगे जैसे – कानून को न मानने वाला, अधर्म करने वाला, मनमाना आचरण करने वाला, दास्य वृत्ति, दुख, बीमारी, शोक, दूसरो को पीड़ित करना, अलगाव, डायवोर्स, क्रूरता, घृणा, चोरी, लूटपाट, भ्रष्टाचार, ठगी, क्राईम इत्यादि

नरेंद्र मोदी के चरित्र में और शासन में यह सब पूर्ण रूप से अभिव्यक्त हुआ है. मोदी पत्नी को छोड़ कर पलायन करने वाले है, उसे उसका अधिकार न देने वाले, विपक्ष के नेताओ को बिना किसी कारण असंवैधानिक तरीके से पीड़ित करने वाले और उन्हें गिरफ्तार करने वाले, देश की सम्पत्ति अपने गुजराती मालिक को बेचने वाले, क्रूरता और घृणा को फ़ैलाने वाले, दास्य वृत्ति वाले, कानून का मनमाना प्रयोग करने वाले, सिस्टम को चंद पूंजीपतियों की सेवा में लगाने वाले, देश बलात्कारियों के संरक्षक, धार्मिक बताने वाले लेकिन सभी धर्म के विरुद्ध आचरण करने वाले, बीफ कम्पनियों से 500 करोड़ दान लेने वाले इत्यादि

राहुल गांधी –

नेता विपक्ष राहुल गांधी की जन्म कुंडली में शनि सबसे ज्यादा अंशो में मेष राशि में है लेकिन अपने नीच अशों से आगे है इसलिए उसका प्रभाव नगण्य है. शनि मेष में 24″ 28 मिनट का है. शनि तुला लग्न में पंचमेश होकर एक योगकारक ग्रह है इसलिए यह अत्यंत शुभ ग्रह है. यह एक नैसर्गिक शुभ ग्रह द्वारा दृष्ट भी है .

आत्मा का चरित्र-
शनि यदि शुभ ग्रह हो अर्थात योगकारक हो या उच्च का स्थित होकर योगकारक हो तो जातक न्यायी, गरीबो और कमजोर वर्ग का हमदर्द, उच्च विचारों वाला, बलवान, योगी, पढ़ा लिखा और मातृप्रेमी होता है.
राहुल गांधी एक सच्चे वक्ता हैं, महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत पर चलने वाले, योग करने वाले, योद्धा (ऐकिडो में ब्लैक बेल्ट हैं ), गरीब और कमजोर वर्ग के लिए लड़ने वाले, महिलाओ के हितो के लिए प्रतिबद्ध हैं और मातृप्रेमी हैं . देश को जोड़ने के लिए महात्मा गांधी की तरह हजारों किलोमीटर यात्रा करने वाला, गरीबो से मिलने वाला, उनकी बातें करते हैं और राज्यों में उनके लिए पॉलिसी बनाते हैं.
खुले मंच से कहने वाला – “जितना पैसा इन्होंने अदानी, अंबानी को दिया है उतना पैसा मैं हिंदुस्तान के किसान, मजदूर, गरीब, दलित उनके जेब में डालने वाला हूँ “
यह एक अच्छे शनि का गुण है. शनि न्यायप्रिय है.