अनिरुद्धाचार्य एक मथुरा का पंडा है जो कथावाचक के रूप में प्रसिद्ध हो गया और भोग के बहुत साधन जुटाए और रूपये भी खूब कमाए. यह पिछले दिनों भागवत की गलत रीडिंग पर पकड़ लिया गया था जिसमे इसने भागवत पुराण के एक शब्द “अधावन्तो” ( उद्यतायुधदोर्दण्डैराधावन्तो भटान् मृधे ॥ ) में राधा पढ़ा था. इसने बताया कि भागवत में राधा शब्द आया है जबकि यह सरासर गलत है. भागवत में कहीं भी राधा नाम नहीं आया है. इसको यूट्यूब पर काफी लताड़ मिली लेकिन किसी तरह भक्त मंडली के काउन्टर प्रचार से इसे राहत मिल गई. अब यह वीडियो वायरल है जिसमे यह 1 करोड़ की कार पर चल रहा है लेकिन उपदेश दे रहा कि इस युग में आदमी सिर्फ पैसे के पीछे भाग रहा.
यह तो रूपये बांध कर बैकुंठ ले जायेगा, इसे सारा भोग भी चाहिए लेकिन जनता को वैराग्य की जरूरत है. यही स्थिति जग्गी वासुदेव, श्री श्री रविशंकर इत्यादि मोदी समर्थक आसुरी सम्पद के मनुष्यों की भी है. ऐसा मिथ्याचार सिर्फ कलियुग में ही देखा जा सकता है.

