
हेडगेवार, सावरकर और गोलवलकर ने जो चिन्तन किया था उससे हिंदुत्व के अनेक प्रकार के धूर्त संगठनों की स्थापना हुई थी. इन संगठनों की स्थापना तीन चीज के लिए की गई थी – 1- देशद्रोही पैदा करना 2-झूठ का प्रचार करना 3-बड़ी संख्या में मूर्ख और घृणा विद्वेषी पैदा करना. हिंदुत्व के सभी संगठन मूलभूत रूप से इन्हीं तीन सिद्धांत को लेकर चलते हैं. इन तीनों से मिलकर भाजपा का निर्माण हुआ था. हिंदुत्व के प्रारम्भिक विचारक चंदामामा, चम्पक कॉमिक्स और मनोहर कहानियाँ पढ़ते थे और उसे ही इतिहास मानते थे. पिछले दशक से ज्यादा पोर्नोग्राफी और वीडियो गेम देख कर ज्ञान प्राप्त करते हैं.
नीचे सावरकर द्वारा स्थापित हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणी की मांग सुनें..
चन्द्रमा को तत्काल हिन्दू राष्ट्र बनाया जाय और शिव शक्ति पॉइंट को राजधानी ..:-)