“हिन्दू खतरे में हैं” यह आरएसएस-बीजेपी-विहिप का हिन्दू समाज को भयभीत कर वोट लेते रहने का षड्यंत्र था. इस षड्यंत्र के अंतर्गत ही बीफ, गौकशी, लव जिहाद और मन्दिर-मस्जिद पर कम्युनल दंगे शामिल हैं. गौकशी के आंकड़े और नरेंद्र मोदी के बीफ निर्यातकों से 250 करोड़ घुस लेने से यह स्पष्ट होता है कि गौकशी करवाने वाले लोग हिंदुत्व के लोग ही थे. बीफ की बड़ी कम्पनियों में कई कम्पनियां हिन्दू ही चलाते हैं और भाजपा के कई नेता बीफ कारोबार में शरीक हैं. बीजेपी विधायक और मुज़फ्फरनगर दंगों का आरोपी संगीत सोम 20 इस्लामी देशों में गोश्त बेचने वाली एक कंपनी के डायरेक्टर रह चुका है. वह स्वयं ही बीफ का कारोबार करता था. आरएसएस का अल्पसंख्यक मोर्चे का नेता इन्देश कुमार बीफ खाता है और मुस्लिमो के यहाँ दावत उडाता रहता है. लाल कृष्ण आडवानी भी बीफ के शौक़ीन थे. क्या पता धूर्त मोदी भी बीफ खाता ही हो? यह नास्तिक, झूठा, मिथ्याचारी कुछ भी कर सकता है.
हिन्दुओं को यह समझना क्या इतना कठिन है कि यदि मोदी राज में बीफ के निर्यात में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई और भारत दुनिया का सबसे बड़ा बीफ निर्यातक बन गया तथा भाजपा शासित राज्यों में गायों की हत्या में सौगुना वृद्धि हुई है तो इस काम को भाजपा-आरएसएस-विहिप ही अंजाम दे रहे थे. RSS-BJP-VHP का एकमात्र उद्देश्य हिन्दुओं को बरगला कर सत्ता प्राप्त करना और मन्दिरों पर कब्जा करना था. इस फासिस्ट रिजीम ने 18000 करोड़ के राममन्दिर पर कब्जा कर ही लिया है. राममन्दिर वैष्णवों की विरासत है लेकिन इस पर आरएसएस ने कब्जा कर लिया. आरएसएस-भाजपा ने न केवल बनियों की सांठगाँठ से धार्मिक स्थलों की भूमि पर कब्जा किया बल्कि उसका विनाश भी किया है. बनियों के साथ इनका षड्यंत्र बहुत बड़ा था, कृषि बिल लाकर गरीब किसानों की जमीन पर कब्जा करना, लेकिन किसान आन्दोलन और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने इसे विफल कर दिया. रामदेव, सद्गुरु, श्री श्री रविशंकर जैसे ठगों ने अरबों की सम्पत्ति सरकारी मदद से अवैध कार्यों से बनाई. रामदेव ने डेढ़ लाख करोड़ एम्पायर सरकारी मदद से बना लिया और जनता को पालक-चुकन्दर का जूस कोरोना की दवा कह कर 545 रूपये में बेचा. इस पूरे बिजनेस में मोदी-आरएसएस शरीक थे. हिंदुत्व ने हिन्दुओं का कोई भला नहीं किया, इन्होने स्वयं लूटपाट की और अरबपति बन गये हैं. हमे राहुल गाँधी का शुक्र गुजार होना चाहिए जिसने इनके षड्यंत्रों का पर्दाफाश किया और देश भर में पदयात्रा करके जनता को जागृत किया.
आरएसएस-भाजपा-बनिये मिलकर देश को अल्पतन्त्र में बदलना चाहते थे. मोदी ने दस वर्ष सिर्फ असंवैधानिक कार्य ही किये और सम्विधान को खत्म करने तथा जनतान्त्रिक संस्थाओ को खत्म का भी बड़ा षड्यंत्र किया. आरएसएस-भाजपा एक देशद्रोहियों और ठगों के रैकेट का संगठन है. इसका इतिहास देशद्रोह से शुरू होता है और देशद्रोह पर ही खत्म होता है.
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