भाजपा आरएसएस के भारत की कहानी बड़ी बैकवर्ड है. यहाँ सब कुछ पीछे जाता है पुन: आदि मानव के युग की तरफ पत्थर युग में. शायद संघ की यह विचारधारा हो कि जब तक मनुष्य आदिमानव नहीं बन जाता रामराज्य नहीं आएगा? खैर यहाँ मैडम हेमामालिनी जी कहानी देखें, पार्टी के वरिष्ट नेता ही उन्हें नचनियां कहते हैं.
लाभ के लिए भाजपा की लगभग 20 साल से सपरिवार सेवा कर रही है और दंगा-घृणा का समर्थन करती हैं. तब भी इनके स्टेट्स में कोई बदलाव नहीं आया, उन्हें नचनिया से ज्यादा कोई नहीं देखता. क्या जाने नचनियां में भी इन्हें कौन सी नचनिया के रूप में देखते होंगे ?

