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हरियाली तीज महिलाओं का पर्व है जिसे सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं सौभाग्य के लिए विशेष रूप से भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माँ पार्वती ने भगवान शंकर को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए एक हजार वर्ष तक कठोर तप किया था. इस दौरान उन्होंने 108 जन्म लिए थे. इस कठोर तप के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. शिव पार्वती का मिलन हरियाली तीज के दिन अर्थात श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हुआ था. माता पार्वती के कहने पर देवी पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया था कि जो कोई भी कुंवारी कन्या इस व्रत को रखेगी और शिव-पार्वती की पूजा करेगी उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी साथ ही योग्य वर की प्राप्ति होगी.

यह पर्व जीवन में हरियाली का प्रतीक भी है, यह उस समय पड़ता है जब सावन के महीने में चारों तरफ धरती पर हरियाली बिखरी होती है. हरी भरी घरती को स्त्री का प्रतीक भी माना जाता है. हरियाली तीज पर महिलाएं नीरजला व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. यह व्रत करने से व्रत से महिलाओं को पति की लंबी आयु, सौभाग्य, और परिवार की खुशियां प्राप्त होती हैं. तीज में ससुराल पक्ष से नवविवाहित स्त्रियों को वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई आदि भेजने की परम्परा है. इस त्यौहार में महिलाएं और क्वांरी कन्यायें हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं, सुंदर मेहँदी रचाती हैं और गीत गाते हुए बाग में या घर में ही झूले लगाती हैं और सब मिलकर झुला झूलती हैं. यह स्त्रियों के लिए आनंद का पर्व है. हरियाली तीज पर उत्तर प्रदेश में कजरी के लोक गीत गाये जाते हैं.

हरियाली तीज का मुहूर्त –
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त को शाम 7 बजकर 42 मिनट पर आरंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजे होगा. ऐसे में हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जायेगा.

बेगम अख्तर का गाया यह कजरी गीत –

पंडित छन्नू लाल द्वारा गाया कजरी गीत –