Spread the love

ज्योतिष शास्त्र में गुरु बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह हैं. बृहस्पति की शुभता का अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि इनके वक्री होने पर सनातन धर्म में शादी ब्याह नहीं होता. जब गुरु मार्गी होते हैं तब शादी का लगन शुरू होता है. गुरु ग्रह को सबसे महत्वपूर्ण प्रभावशाली ग्रह माना गया है क्योंकि धर्म, धन, सन्तान और लाभ में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. बृहस्पति ग्रह किसी भी जातक के जीवन में सुख, सौभाग्य और यश के कारक को प्रभावित करते हैं. एक तरह से इनका धन भाव, भाग्य भाव, सन्तान भाव तथा लाभ भाव पर पूर्ण अधिपत्य माना गया है. जातक की ईच्छापूर्ति में गुरु महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यदि गुरु अच्छे हों तो सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं. 

गुरु पिछले 4 सितंबर को मेष राशि में वक्री हुए थे. गुरु वक्री अवस्था में 31 दिसंबर सुबह 7:34 बजे तक रहेंगे उसके बाद मेष राशि के अश्विनी नक्षत्र चतुर्थ पाद में ही मार्गी हो जायेंगे. मेष राशि में गुरु उल्‍टी चाल चलने के बाद 31 दिसम्बर को जब मार्गी होंगे तब कई राशियों को लाभ दे सकते हैं. मार्गी गुरु की रश्मियाँ उज्ज्वल हो जाती हैं और एकदम नवीन ऊर्जा के साथ आगे चलने लगते हैं. मार्गी गुरु की पूर्ण दृष्टि चन्द्रमा, सूर्य और मंगल पर रहेगी इसलिए जन्म कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति के अनुसार लाभ दिला सकते हैं और अटके काम बना सकते हैं. गुरु ग्रह के प्रभाव से आपके रुके हुए काम संपन्न होंगे. गुरु बृहस्पति मार्गी होने के बाद चार राशियों के लिए विशेष लाभकारी होंगे.

मार्गी बृहस्पति मेष राशि और लग्न के लिए भी भाग्य के दरवाजे खोल सकते हैं. जिन मेष लग्न या राशि के जातकों के लव-अफेयर हैं उनकी शादी का योग बना सकते हैं. वहीं कर्क राशि और लग्न के लिए गुरु अतिशुभ फल कर सकते हैं. इन जातकों को विदेश यात्रा, जॉब और अच्छा धन लाभ करा सकते हैं. कर्क लग्न वालों के लिए तो लग्नेश पर नवमेश की पूर्ण दृष्टि होने से जॉब और धन प्राप्ति का योग बनायेंगे. धनु लग्न वालों के लिए भी मार्गी हुए गुरु भाग्य और झटके से कोई लाभ दे सकते हैं तथा उनके भीतर धर्म की वृद्धि भी कर सकते हैं. मीन राशि और लग्न वाले जातकों के लिए जॉब, इनकम के रास्ते खोल सकते हैं. सिंह राशि के जातकों के लिए मार्गी गुरु उनकी विदेश यात्रा के योग बनायेंगे. उनका भाग्य साथ देगा.

GET IN TOUCH

Visit GargAstro Consultancy Site