गोमाता हिन्दू धर्म का आधार मानी जाती है और हिन्दू धर्म में श्रद्धा का विषय तथा पूजनीय है. गाय की महिमा का वर्णन सभी हिन्दू ग्रन्थों में है और गाय का दूध और दही भगवान की पूजा की सबसे आवश्यक सामग्री है. इसके उत्पाद से पंचामृत बनता है. शास्त्रों में कहा गया है –
गावो में पुरतः सन्तु गावो में सन्तु पृष्ठतः।
गावो में परितः सन्तु गवां मध्ये वसाम्य्हम।।
हे विप्र देव ! गाय मेरे आगे हों, गायें मेरे पीछे हों, गायें मेरे ह्रदय में रहे , गौए मेरे चारो तरफ हों, गायों के बीच में ही मैं निवास करूँ !
यहाँ तक कहा गया है कि गौ से देवता जीवन धारण करते हैं और मनुष्य भी उसी से जीवित हैं. गौ से ही यह सम्पूर्ण जगत बना. “वशेदं सर्वभवद् यावत्सुर्यो विपश्यति “ जहां तक सूर्य का प्रकाश पहुँचता है वहां तक सब गौ ही है. गाय सनातन हिन्दू संस्कृति का आधार है.
तुलसी दास ने रामचरित मानस में भागवान के अवतार का कारण गाय को माना है “गो द्विज धेनु देव हितकारी । कृपा सिंधु मानुष तनुधारी”. विगत 10 साल केंद्र में हिंदुत्व मोदी सरकार सत्ता में रही लेकिन गोबध पर कोई सख्त कानून नहीं बनाया गया. नरेंद मोदी ने बीफ क्रांति करने की दिशा में कार्य किया.

इस कार्य के लिए ही बीफ एक्सपोर्ट करने वाली कम्पनियों से मोदी ने 250 करोड़ चंदा लिया. इस चंदे के कारण ही देश में गौहत्या बहुत तेजी बढ़ी और पूर्व की कांग्रेस सरकार की तुलना में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई. नीचे दिए गये चार्ट में हरे रंग में घेरे गये वर्षो को देखें जब कांग्रेस की स्ट्रांग सरकार थी तब बीफ निर्यात न के बराबर है, जब कांग्रेस कमजोर हुई और भाजपा सत्ता में आई तब बीफ का निर्यात बढ़ा जिसे भगवा रंग में घेरा गया है.

इस ग्राफ से स्पष्ट है आरएसएस-भाजपा अधर्मी हैं. गाय की राजनीति करते हैं लेकिन गाय के खिलाफ काम करते हैं. सदैव भाजपा-आरएसएस के लोग ही गौकशी में पकड़े जाते हैं और स्वयं गौहत्या करते हैं. हालिया में मध्यप्रदेश से सैकड़ों गायों की हत्या की खबरे आई हैं, कई बार ट्रक भर भर के कंकाल मिले हैं. भाजपा के राज्य वास्तव में गायों की कब्रगाह बने हैं. हिंदुत्व की गोशाला राजनीति भी मूलभूत रूप से बीफ से पैसे कमाने की राजनीति ही थी जिसमे भाजपा-आरएसएस के कार्यकर्ता, छोड़े-बड़े नेता शरीक थे. क्या पता आधुनिक आश्रमों के बाबा भी गायों को कटवाते हो और पैसे कमाते हों. कलियुग में यह कोई बड़ी बात नही है.

हिन्दू धर्म के बाबा, स्वामी और मठाधीश यह देख कर भी अंधे बने हुए हैं. एक बाबा ने भी सामने आकर नही बोला कि नरेंद्र मोदी की यह हिंदुत्व फासिस्ट सरकार घोर अधर्मी सरकार है. शायद सबसे ज्यादा अधर्मी बाबा ही हो गये लगते हैं इसलिए उन्हें अधर्म ही धर्म दिखता है. इलेक्टोरल बांड जैसे मोदी के भ्रष्टाचार और देशद्रोह की खबर के बाद भी धर्म की ध्वजा उठाने वाले संत-महात्माओं के मुख से शब्द नहीं नकला है. ईश्वर सबका न्याय आवश्य करता है, यह बाबा न भूलें. भगवान ने ऐसे धर्म का उपदेश नहीं किया है जिसमे तुम अधर्म के प्रति निरपेक्ष रहकर भी खुद को धार्मिक कह सकते हो!

