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रामभद्राचार्य ने गुजरात के स्वामिनारायण कल्ट द्वारा किये गये हनुमान जी के अपमान पर एक शब्द नहीं कहा. यह धूर्त वस्तुत: काले धन का भोग कर रहा है और हिंदुत्व फासिस्टों का कथा में प्रचार कर रहा है. गुजराती फंड रुकने के भय से उसके मुख से एक शब्द भी नहीं निकला.

रामभद्राचार्य ने छतरपुर हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित विश्वगुरु भारत धर्मयज्ञ सह सनातन संस्कृति समागम के दौरान कहा कि गाँधी जी द्वारा गया जाने वाला भजन “ईश्वर अल्लाह तेरो नाम रामचरित मानस से लिया गया है”.

मीडिया की खबर के अनुसार रामभद्राचार्य ने कहा कि  श्रीरामचरितमानस न होता तो हिंदुओं की रोटी, चोटी और धोती पर संकट होता ही होता. इस कारण प्रधानमंत्री अगर महात्मा गांधी को मानते हैं तो उन्हें श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने में थोड़ा-सा भी विलंब नहीं करना चाहिए. प्रधानमन्त्री को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले संसद में प्रस्ताव लाकर श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें.  श्रीरामचरितमानस का एक-एक शब्द सार्थक है और सभी मंत्रों का सार है.  महात्मा गांधी द्वारा गाए जाने वाले रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम भजन का एक-एक शब्द श्रीरामचरितमानस के विभिन्न कांड से लिया गया है.

एक अन्य स्थान पर मीडिया में कहा कि हनुमान और शिव ब्राह्मण थे.

यह आयोजन हिंदुत्व के नेता अश्वनी चौबे के संयोजन में हुआ था. स्पष्ट है धन अडानी की तरफ से ठेला जा रहा है.