हिंदू पंचांग चन्द्र आधारित है. इसमें फाल्गुन 12वां महीना माना गया है. इस महीने के समाप्त होने के साथ ही नवसम्वत्सर का प्रारम्भ हो जाता है. फाल्गुन या फागुन हिन्दू संस्कृति में आनंद और उल्लास का महीना माना गया है. इस महीनें में सृष्टि रंगीन हो जाती है. वसंत और फाल्गुन मौसम में धरती दुल्हन की तरह दिखती है. सर्दी विदा हो जाती है, सूर्य की तपिश धीरे धीरे देह को गर्म करने लगती है. कामदेव मानव ह्दय में प्रेम रंग घोल देते हैं. फाल्गुन माह में आने वाले प्रमुख त्यौहार होली (फगुआ) और पर्व महाशिवरात्रि पड़ते हैं.
फाल्गुन महीना 25 फरवरी 2024 से शुरू हो रहा है, इसका समापन 25 मार्च 2024 को होगा. इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है. फाल्गुनी नक्षत्र रोमांस का प्रतीक है, ऋग्वेदिक काल में यह विवाह का प्रमुख नक्षत्र था. यह सृष्टि की उत्पत्ति का नक्षत्र माना गया है. तैत्तिरीय अग्नाधेय ब्राह्मण में पूर्व फाल्गुनी का सम्बन्ध अर्यमा से बताया गया है. संहिता में आया है कि सृष्टि को उत्पन्न करने के लिए देवताओं ने स्वाग्नि की पांच आहुतियाँ दी थी जिसमे एक आहुति इस नक्षत्र में दी थी. इस नक्षत्र का शासक शुक्र है.
फाल्गुन माह 2024 व्रत त्यौहार –
25 फरवरी 2024 (रविवार) – फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा से माह शुरू
28 फरवरी 2024 (बुधवार) – द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
4 मार्च 2024 (सोमवार) – जानकी जयंती
6 मार्च 2024 (बुधवार) – विजया एकादशी
8 मार्च 2024 (शुक्रवार) – महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि, पंचक शुरू
10 मार्च 2024 (रविवार) – फाल्गुन अमावस्या
12 मार्च 2024 (मंगलवार) -फुलैरा दूज
13 मार्च 2024 (बुधवार) – विनायक चतुर्थी
14 मार्च 2024 (गुरुवार) – मीन संक्रांति
20 मार्च 2024 (बुधवार) – आमलकी एकादशी
22 मार्च 2024 (शुक्रवार) – प्रदोष व्रत (शुक्ल)
24 मार् 2024 (रविवार) – होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
25 मार्च 2024 (सोमवार)- होली (धुलेंडी), चैतन्य महाप्रभू जयंती, चंद्र ग्रहण

