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ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर और दुःख कारक ग्रह माना है. यह कर्म का ग्रह है इसलिए शनि लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही अच्छे या बुरे फल देता हैं. शनि अभी कुंभ राशि में शतभिषा दूसरे चरण में गोचर कर रहा है. फरवरी 13 को सूर्य के कुम्भ गोचर के बाद सूर्य ज्यों ज्यों आगे बढ़ेगा इसके प्रकाश से कुम्भ में गोचर करने वाले ग्रह अस्त होने लगेंगे अर्थात उन्हें पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता है. अस्त ग्रह अपने सकारात्मक प्रभाव को देने में सक्षम नही होता है. चन्द्रमा और बुध को अस्त होने का दोष नहीं लगता है. पारम्परिक और आधुनिक दृष्टिकोण में अस्त ग्रहों की डिग्री में अंतर है मसलन आधुनिक दृष्टि में शनि अस्त 9-10 डिग्री पर होता है जबकि पारम्परिक ज्योतिष में 15 डिग्री पर अस्त होता है. मार्गी और वक्री होने की स्थिति में भी इनके अस्त डिग्री में अंतर होता है. शनि 17 फरवरी 2024 को अस्त होगा और 26 मार्च 2024 तक इसी अवस्था में रहेगा. शनि के अस्त होने के साथ ही कुछ राशियों के उल्टे दिन शुरू हो जाएंगे. आइए जानते हैं कि शनि के अस्त होने से किन राशियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.

कर्क राशि-
शनि के अस्त होने से कर्क राशि वालों की परेशानियां बढ़ सकती हैं.. इस समय कर्क राशि के जातकों पर कंटक शनि की ढैय्या चल रही है. इन राशि के लोगों को 26 मार्च तक सावधान रहना चाहिए . शनि के अस्त होने से आपके जीवन में परेशानियहाँ बढ़ सकती हैं, कोई क्रोनिक डिसीज की प्राप्ति हो सकती है, दुर्घटना हो सकती है और अकस्मात कोई बड़ी हानि भी हो सकती है. शनि की अस्त अवस्था कर्क राशि वालों के लिए बहुत अच्छी नहीं रहेगी. इन जातकों को सोमवार को शिव का अभिषेक और शनिवार को विशेष रूप से शनि पूजन और अभिषेक करना चाहिए. इससे इन्हें इस समय लाभ मिलेगा.

मकर राशि –
शनि देव अस्त होकर मकर राशि वालों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. शनि की साढ़ेसाती होने की वजह से शनि की अस्त अवस्था इनके लिए काफी कष्टकारी हो सकती है. धन से सम्बन्धित समस्या, करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. मकर राशि के जातकों को घर से सम्बन्धित मुश्किलें मिल सकती हैं. इन्हें अपनी सेहत को लेकर बहुत सतर्क रहना चाहिए. नौकरी-कारोबार तथा लाभ प्राप्ति में सफलता मिलने में देरी हो सकती है. शनि के नकारात्मक प्रभाव के कारण मकर राशि के जातकों को कई स्तरों पर झेलना पड़ सकता है. इन जातकों को शनि रक्षाकर स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए.

कुंभ राशि-
कुंभ राशि वालों पर अभी शनि की साढ़ेसाती चल रही है. शनि के अस्त अवस्था के दौरान कुंभ राशि के जातकों की मकर राशि वालों की तरह ही समस्याएं होंगी. इनकी मानसिक अवस्था गडबड हो सकती है, डिप्रेशन बढ़ सकता है और इनका कम्युनीकेशन खराब होने से कर्म क्षेत्र में परेशानियाँ खड़ी हो सकती हैं. अपनी वाणी पर नियन्त्रण रखें और पार्टनर से अच्छे से पेश आयें. इस अस्त अवस्था में शनि इनके वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ खड़ी कर सकता है. इन जातकों करियर और धन के मामले और नौकरी-कारोबार में भीअससफलताओं का सामना करना पड़ सकता है. ऑफिस में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, बॉस से बिगड़ सकती है. इन जातकों को इस समय मूंगा धारण कर लेना चाहिए और किसी शनि मन्दिर में एक दीप शाम 7 बजे के बाद जलाना चाहिए.

मीन राशि-
मीन राशि वालों पर अभी शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण हैं, अस्त शनि से इसका गहरा प्रभाव दिख सकता है. शनि के अस्त अवस्था के दौरान इन राशिवालों का भाग्य साथ नहीं देगा. इन्हें शनि कर्ज में धकेल सकता है और हानि करा सकता हैं. इन जातकों को स्वास्थ्य के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए. यदि इन राशि के जातकों की कुंडली में राहु अष्टम, द्वादश में है तो इनके अकस्मात बड़ी समस्याओं और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है. करियर और धन के मामले में भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. कुंभ राशि के लोग इस अस्त अवस्था के दौरान स्वास्थ्य को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहें. पब्लिक में, ऑफिस में ह्यूमिलियेशन हो सकता है. इन जातकों को इस समय हनुमान की पूजा करनी चाहिए. हनुमान चलीसा का पाठ लाभदायी होगा.