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दीपावली का प्रारम्भ खरीदारी के पर्व धनतेरस के त्यौहार से ही होती है. इस साल धनतेरस का त्यौहार इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस दिन मंगलवार पड़ रहा है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन धन के देवता कुबेर, औषधि के देवता धनवंतरी और मां लक्ष्मी के पूजन का विधान है. इस दिन खरीदारी करने को भी बहुत शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन हिन्दू सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, मकान, दुकान आदि खरीदते हैं. इस दिन लोग धनिया, नमक, पीतल के बर्तन आदि भी खरीदा जाता हैं. इस दिन झाड़ू और सूप खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. झाड़ू में लक्ष्मी का निवास माना जाता है. इसे विशेष मुहूर्त में खरीदना चाहिए. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदने से घर में सुख और सौभाग्य का आगमन होता है. कोई कोई इस दिन कुछ न खरीदने को ही शुभ मानते हैं. धनतेरस के दिन धन अधिपति कुबेर और धनवंतरी देव की पूजा होती है, इसलिये इस त्यौहार को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. धन्वन्तरी की इस पूजा करने से रोग से मुक्ति मिलती है. इस दिन लक्ष्मी को घर आमंत्रित करना चाहिए. तंत्र में इस दिन घर से लक्ष्मी का बाहर जाना अशुभ बताया गया है. यदि इस दिन पैसे न खर्च हों तो घर में लक्ष्मी स्थिर रहती है.

धनतेरस का मुहूर्त: 
29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन पूजा के लिए 1 घंटा 41 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है. धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक है. धनतेरस पर प्रदोष काल का समय शाम को 5 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक है. लक्ष्मी पूजा स्थिर लग्न में करना शुभ होता है इससे लक्ष्मी स्थिर होती है. इस दिन शाम 6:36 से वृषभ लग्न रहेगा जो लगभग दो घंटे के लिए रहेगा. इसी समय में पूजन कर लेना चाहिए. इस दिन सोना, ज्वेलरी इत्यादि खरीदने का उत्तम समय दोपहर है. आप अभिजित मुहूर्त में खरीद सकते हैं.