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यहाँ ज्योतिष के दस योग बताये जा रहे हैं. ये योग जन्म कुंडली में होने पर जातक को जीवन ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है. इस योग में लग्न स्वामी दु:स्थान में न हो और चन्द्रमा पापग्रह के बीच में न हो या युत न हो. छह राशियों में ग्रह हों कोई हॉउस खाली नहीं होना चाहिए. इस योग को अर्धेन्दुयोग कहा गया है. इन योगो में उपन्न जातक सबका प्रिय, सुंदर देह वाला और किसी पद पर प्रतिष्ठित होता है.

1-द्वतीय से अष्टम तक सभी ग्रह हों

2-तृतीय से नवम तक सभी ग्रह हों

३-पंचम से एकादश तक सभी ग्रह हों

4-षष्ठ से द्वादश तक सभी ग्रह हों

5-अष्टम से द्वितीय तक सभी ग्रह हों

6-नवम से तृतीय तक सभी ग्रह हों

7-एकादश से पंचम तक सभी ग्रह हों

8-द्वादश से षष्ठ तक सभी ग्रह हों