उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के लिए आधिकारिक तौर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन कोटा तय है, लेकिन दलालों ने लोगों को दर्शन कराने का अपना अलग सिस्टम बना लिया है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार दलाल 3000 से 5000 रुपए लेकर दर्शन करा रहे हैं. उनके इस नेटवर्क में ऑटो रिक्शा चलाने वाले, फूल बेचने वाले, सुरक्षाकर्मी और खुद को पंडित बताने वाले लोग शामिल हैं.
भाजपा शासित राज्यों में भाजपा के छुटभैये नेता भी मन्दिरों में इस तरह से धंधा और गुंडई कर रहे हैं. मन्दिरों पर आरएसएस की गिद्ध दृष्टि है. भास्कर के पत्रकार से दलाल ने 10 हजार रूपये लेकर दर्शन करवाया. इस दलाली के नेटवर्क में मन्दिर के पुजारी, लोकल भाजपा नेता, ऑटो वाले, फुल मिठाई वाले तक शामिल हैं. एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार मन्दिर में रुपए लेने का सीसी टीवी वीडियो को देख कर प्रशासन ने हर्ष जोशी और ब्रजेश तिवारी नामक व्यक्ति और इस गोरखधंधे में मंदिर में पदस्थ आरक्षक अजीत राठौर पर कार्यवाई की है. इन पर भस्मआरती, शयन आरती और दर्शन के नाम पर रुपया वसूलने का इल्जाम है.

