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फासिज्म और नस्लवादी (RACISTS) अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ज्योतिष को बतौर प्रोपगंडा लम्बे समय से इस्तेमाल कर रहे हैं. जर्मन नाजी रिजीम ने प्रारम्भिक दौर में तो ज्योतिष को बैन कर दिया था लेकिन बाद में रुडोल्फ हेस और हेनरिक हिमलर ने ज्योतिष का कई तरह से दुरूपयोग किया. इस विषय पर अनेक किताबे पब्लिश हुई हैं और आगे भी पब्लिश होंगी. नाजी रिजीम में हिटलर प्रेतविद्या, सातानिज्म इत्यादि का प्रयोग तो प्रारंम्भ से ही कर रहा था लेकिन स्विट्जरलैंड का निवासी ज्योतिषी कार्ल अर्नेस्ट क्राफ्ट का रुडोल्फ हेस और हेनरिक हिमलर से सम्बन्ध इतना महत्वपूर्ण बन गया कि उसके कुछ छिटपुट भविष्यवाणियों ने सम्पूर्ण नाजी रिजीम को ज्योतिष का दीवाना बना दिया. ज्योतिष का प्रयोग हेनरिक हिमलर ने यह जानने के लिए किया कि क्या हिटलर मारा जा सकता है? कार्ल अर्नेस्ट क्राफ्ट ने हिटलर की कुंडली बना कर स्पष्ट कहा कि उस पर जानलेवा हमला होगा लेकिन वह बच जायेगा. उसकी मृत्यु आत्महत्या से होगी. यह भविष्यवाणी इतनी बड़ी थीं कि इसने नाजियों पर जादू सा कर दिया. कार्ल अर्नेस्ट क्राफ्ट नाजी पार्टी के इलीट क्लास का हिस्सा बन गया. नाजी रिजीम ने ज्योतिष का प्रयोग नाजी पार्टी के बड़े अधिकारियों के भ्रष्टाचार को जाने के लिए भी किया और उसके द्वरा किये गये कुंडलियों के विश्लेषण से अनेक भ्रष्टाचारी पकड़े गये और दंडित किये गये, उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा था. ज्योतिष की उपयोगिता को समझने के बाद जोसेफ गोयेबल्स ने कार्ल अर्नेस्ट क्राफ्ट को नाजी प्रोपगेंडा में काम करने का आदेश दे दिया. उसे नोस्त्रेदमस की भविष्यवाणी के गुप्त संदेशों को उजागर करने का काम भी दिया गया था. हिटलर व्यक्तिगत विश्वास में घोर नास्तिक था लेकिन उसे OCCULT में विश्वास था. नाजी जर्मन प्रोपगेंडा द्वारा ज्योतिष के उपयोग से ब्रिटिश परेशान थे और उन्हें काउंटर प्रोपगेंडा के लिए ज्योतिषी रखना पड़ा. क्राफ्ट के किसी अटपटे भविष्यवाणी से हिटलर बड़ा क्रोधित हुआ, सन 1941 में उसने शुद्धि अभियान चलाया जिसमे अनेक ज्योतिषियों को पकड़ लिया गया और कुछ ज्योतिषी मारे भी गये थे. जब तक शैतान का काम होता है तब वह ठीक अन्यथा वह किसी का नहीं होता. हिटलर अपने देश का भी नहीं हुआ और उसने आत्महत्या से पहले अंतिम तार लिखा “IF WAR IS LOST LET NATION PERISH”. नाजियों ने तेल, अन्न भंडार सब जला डाले. जब हम ही नहीं रहेंगे तो तुम रह कर क्या करोगे!
ज्योतिष को बतौर प्रोपगेंडा प्रयोग करने की बात सिर्फ नाजियों तक सीमित नहीं था. द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ब्रिटेन की सीक्रेट सर्विस ने भी ज्योतिष प्रयोग प्रोपगेंडा के लिए किया था. हालिया में छपे Britain’s National Archives catalogs के सीक्रेट वार टाईम क्लासिफाइड डोक्युमेंटस में यह बात खुल कर सामने आई है. ब्रिटेन की सीक्रेट सर्विस MI5 ने एक हंगरी के ज्योतिष लुईस डी वाल को १९३५ में नौकरी पर रखा और उसे लन्दन के एक 5-स्टार होटल में रखा गया था. इसे हिटलर की कुंडली सहित अन्य कुंडलियों को खंघालने का काम दिया गया था. ज्योतिष लुईस डी वाल ने ब्रिटिश सीक्रेट सर्विस को यह बताया और कन्विंस किया कि हिटलर एक अंधविश्वासी है और वह ज्योतिष के बिना कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लेता. ज्योतिषी ने कहा कि वह हिटलर के ग्रहों का मित्र सेना के ग्रहों से मिलान करके हिटलर के ग्रहों को मित्र सेना के पक्ष में फेवरेबल कर देगा. MI5 का इतिहास लिखने वाले कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टोफर एंड्रयू के अनुसार ” At one point Britain knew more about Adolf Hitler than it had never ever known about any other enemy. Yet they did not know what made him tick. ” इस ज्योतिषी को ब्रिटिश आर्मी में कैप्टन बन दिया गया और पीएम विंस्टन चर्चिल ने लुईस डी वाल को अमेरिकी सरकार को समझाने के लिए भेजा कि नाजी एक महीने के भीतर ही युद्ध हारेंगे, यदि वे युद्ध का प्रारम्भ करते हैं. ज्योतिष लुईस डी वाल ने हिटलर के आक्रमण की कुंडली बना कर भविष्यवाणी कर दिया था कि जब तुला लग्न उदित होगा तब ब्रिटेन पर नाजी हमला करेंगे. यह बात अमेरिकी सरकार को समझाने का काम उसे सौंपा गया. अमेरिका में उसका एक काम और था- नाजी-समर्थक ज्योतिषियों की भविष्यवाणी को काउन्टर करना, जो युद्ध में महान हिटलर के विजय का डंका पीट रहे थे. “He was sent on tour of various American cities where he made a series of predictions about Hitler’s imminent downfall – facts that were backed up by other soothsayers and fetish priests in Africa just to give his predictions more plausibility,” Novelist William Boyd says.

MI5 के बड़े अधिकारी इस ज्योतिषी से पिंड छुड़ाना चाहते थे क्योंकि इसकी वजह से उन अधिकारियों की बौधिक क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लग रहा था और पब्लिक में उनका अपमान हो रहा था. MI5 ने इस ज्योतिषी से पिंड तो छुड़ा लिया लेकिन उसे लम्बे समय तक नौकरी पर रखे रहे. ब्रिटिश सीक्रेट सर्विस द्वारा ज्योतिष के उपयोग के सन्दर्भ में कुछ किताबे प्रकाशित हैं और अनेक लेख इंटरनेट पर मौजूद हैं.
कुछ अमेरिकी राष्ट्रपतियों पर भी ज्योतिष का प्रयोग करने का आक्षेप लगाया जाता है जिसमे रोनाल्ड रीगन भी शामिल हैं. रोनाल्ड रीगन पर ज्योतिष के अनुसार विदेश नीतियाँ बनाने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने का आक्षेप लगाया गया था. द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद बहुत से नाजी जो छुप गये थे, या रूप बदल कर रह रहे थे, वे अमेरिका में सेटल हो गये. हिटलर की रिजीम अमेरिकियों की कुछ कम्पनियों से बिजनेस करती रही थी इसलिए अमेरिका में उनके बहुत लिंक थे. नाजी अमेरिका में शिफ्ट हो गये और अपने Satanism की प्रेक्टिस पुन: करने लगे. यह नाजियों की प्रेक्टिस का ही प्रभाव है जिसके कारण अमेरिका में Satanism इतना प्रभावी है कि वहां हर साल दिन दहाड़े 25000-40000 लोग कभी स्कूल में, कभी माल में और कभी सड़क पर गोली से उड़ा दिए जाते हैं. नीचे अमेरिकी सरकार के आंकड़े हैं –

भारत में भी हिंदुत्व फासिस्टों ने ज्योतिष को बतौर प्रोपगेंडा प्रयोग करना प्रारम्भ कर दिया था लेकिन यह 2012 के बाद अपने घृणित रूप में सामने आया. हिन्दू गपोड़शंख करियरवादी ज्योतिषियों ने हिंदुत्व फासिज्म के लिए प्रोपगेंडा में मूर्खता की हदें पार कर दी और ज्योतिष, मुहूर्त शास्त्र सब को ताक पर रख कर प्रोपगेंडा किया. ये इस हद तक गिर गये कि जिस मुहूर्त ‘राहु काल ‘ को हजारों साल से सबसे अशुभ बताया जाता रहा उसी अशुभ मुहूर्त में नरेंद्र मोदी से राममन्दिर की जमीन का उद्घाटन करवा दिया और वो भी जब देव शयन करने चले गये थे. अमेरिकी Satanism का गहरा प्रभाव हिंदुत्व फासिज्म पर पड़ा और राहु-काल लूटपाट का अमृतकाल बन गया. इन ज्योतिषियों की मूर्खताओं का अतिरेक तब हुआ जब इस प्रोपगेंडा में अंक-ज्योतिषी भी कूद पड़े और नरेंद्र मोदी के करीबी ज्योतिषियों ने उन्हें अंको के अनुसार मंगल को नियंत्रित करने का उपाय बताया. किसी ने आठ बताया तो किसी ने 9 अंक बताया और संकट काल में दुनिया की सबसे बड़ी मूर्खता को अंजाम दे डाला -..

दैनिक जागरण, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स इत्यादि में प्रोपगेंडा किया गया कि मोदी जी देश को कोबिड-१९ से बचाने के लिए वह सब कर रहे हैं जो भगवान राम ने किया था. फासिस्ट समर्थक डाक्टर्स ने भी प्रोपगेंडा में काम किया और जनता को गोदी मीडिया द्वारा बतलाया कि किस तरह सामूहिक चेतना से लोगों के शरीर के एसीई-2 रिसेप्टर्स (एक एंजाइम ) नियंत्रित हो जायेगा. जो मानव शरीर के हृदय, फेफड़े, धमनियों, गुर्दे और आंत में कोशिका की सतह से जुड़ा होता है। यह रिसेप्टर गंभीर सांस संबंधी सिंड्रोम का कारण बनने वाले कोरोना वायरस के लिए कार्यात्मक और प्रभावी होता है। 

एसीई-2 रिसेप्टर्स को निंयत्रित और दुरुस्त करने वाला थाली-पीटो, दीया जलाओ-घंटी बजाओ कार्यक्रम विज्ञान के क्वांटम फिजिक्स की अवधारणाओं पर आधारित है। अमेरिकी फासिस्ट्स ने इस प्रोपगेंडा को नासा के द्वारा हवा में फेंका और हिंदुत्व फासिस्ट्स ने यहाँ कैच किया फिर गोदी मीडिया ने उसे सर्कुलेट किया “अब तो नासा भी मान चूका है कि मोदी जी क्वांटम फिजिक्स के अनुसार सभी मूर्खताएं कर रहे हैं” यह प्रोपगेंडा उतना ही खतरनाक लेवल पर था जितना खतरनाक यह नाजी रिजीम में हो गया था, जिसमे डाक्टरों ने आम जनता के दमन में फासिस्टों का साथ देकर जनता पर घृणित क्रूर प्रयोग कर डाला. इस क्रूरता की तस्वीर कुछ इस तरह की निकल कर सामने आई –

गूगल सर्च करने से गपोड़शंख ज्योतिषियों के प्रोपगेंडा और मूर्खताओं का पता चलता है. ये गपोड़शंख ज्योतिषी हर चीज पर भविष्यवाणी करते हैं और मोदी का कभी कुछ गलत नहीं होता, हरिभूमि में छपे ज्योतिषियों की बिल्डिंग पर राय में भी 8 नम्बर है – मंगल का है( मंगल का लग्न है मोदी का, ये सब जानते हैं) अब मंगल पर कुछ भी पेलना है ..

जबकि तथ्य क्या है ? चीन ने भारत की  60 square kilometres (23 sq mi) जमीन हड़प ली है. नीचे विकीपीडिया का पेज का स्निपेट दिया गया है . ये अल्प बुद्धि कमोवेश निपढ ज्योतिषी फासिस्टों के साथ मिलकर इस ठगी के इतर क्या कर सकते हैं? ज्योतिष और आध्यात्म ऐसे मूर्खों की चीज नहीं है, यह एक बहुत उन्नत चेतना से सम्पादित की जाने वाली विद्या है. .

गपोड़शंख ज्योतिषियों का मोदी पर इतना गहरा प्रभाव कि वो बोलें तोता उडाओ तो वह तोता उडाये, वो बोले कि मोर नचाओ तो वह मोर नचायें. ये निपढ ज्योतिषी अब भी मानते हैं कि मोर आँखों के आंसूं से ही वेद व्यास की तरह बच्चे पैदा कर देता है. दुर्भाग्यवश भारत देश का विपक्ष जिसमे भारत की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस भी है यह सब नहीं समझ पाए.

शेष अगले चरण में ..