चारों युगों में भगवान और धर्म का चरित्र कैसा होता है ? यह इस वीडियों में विस्तार से बताया गया है. चार युगों में त्रेता यज्ञ का युग था. इस युग में मांसाहार सबसे प्रभावी था. मनुस्मृति में मांस को देवताओं का प्रिय हव्य कहा गया है. कृष्णसार मृग का मांस सबसे बेहतर हवन के लिए माना गया है. @gargastro #vishnupurana #matsyapuran #bhagawat_katha #manusmrati
चारों युगों में भगवान और धर्म का चरित्र कैसा होता है !
Related Posts
मांसाहार पवित्र था, जानें क्यों वैदिक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा था !
Spread the loveमांसाहार पवित्र था और वैदिक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा था,इस बात में कोई सन्देह नहीं है. इस वीडियो में बताया गया है कि कैसे मांसाहार वैदिक संस्कृति का…
मांस मदिरा आध्यात्मिक विकास में कितना बाधक !
Spread the loveमांस मदिरा आध्यात्मिक विकास में कितना बाधक है? इस वीडियो में विस्तार से बताया गया कि सात्विकता का कंसेप्ट क्या है. @gargastro पंचमकार, सात्विक भोजन, वैष्णव, शैव, सभी…

