Spread the love

ज्योतिष में बुध ग्रह बुद्धि, तर्क, गणित, वाणी, त्वचा, सौंदर्य, सुगंध और मीडिया इत्यादि का कारक है. इसके गोचर और वक्री होने का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है. 26 नवंबर को वृश्चिक राशि में वक्री होने जा रहे हैं. बुध प्रातः 08 बजकर 05 मिनट पर वक्री होगा. बुध वक्री होने के दौरान 30 नवम्बर को अस्त भी होगा. बुध के वक्री होने पर कई राशि के जातकों को मानसिक-बौधिक समस्याओं, नकारात्मकता और असफलता का सामना करना पड़ सकता है. इसका प्रभाव मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कन्या, धनु, मकर, कुम्भ और मीन राशियों पर अधिक प्रभावी रहेगा. इस समय कोई भी निर्णय जल्दबाजी में कोई निर्णय न लेना ही बुद्धिमानी है. इस दौरान निवेश, लम्बी यात्रा, ओपरेशन इत्यादि हानिकारक हो सकता है.

बुध ग्रह के अस्त की स्थिति में मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कन्या, धनु, मकर, कुम्भ और मीन राशि के जातकों को मानसिक रोग, बुद्धि भ्रंश, इल्यूजन, यात्रा और दुर्घटना का दुर्योग हो सकता है. इस समय जिन जातकों की बुध की दशा अन्तर्दशा चल रही है उन्हें अभिव्यक्ति में कठिनाई हो सकती है तथा तकनीक और मीडिया संचार के क्षेत्रों में कार्यकरने वाले जातकों समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. कर्म क्षेत्र में गलत निर्णय से स्थिति बिगड़ सकती है. जिन जातकों की बुध की अनिष्टकारी दशा है उन्हें विशेष सावधानी बरतना चाहिए. इस गोचर के दौरान गलत निर्णय से हानि हो सकती है, वाणी के दुष्प्रभाव से भी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं इसलिए इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है.

वक्री बुध के लिए अनिष्टकारी दशा में जातकों को भगवान विष्णु का पूजन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए. इससे अनिष्टकारी बुध शांत हो जाता है और कोई बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. इस दौरान बुधवार को बुध से सम्बन्धित किसी वस्तु का दान लाभकारी होगा. बुध के लिए छुहारा, हरा वस्त्र, साबुत मूंग, हरे फल, पन्ना, कांस्य, किताबें इत्यादि दान करना चाहिए. इसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए किसी हिजरे को हरा वस्त्र का जोड़ा दान करना चाहिए और गाय को हरी घास खिलाना चाहिए.