
अयोध्या में आरएसएस-मोदी के राजनीतिक कार्यक्रम की तैयारी जोरशोर से चल रही है. कुछ सात हजार VIP को निमन्त्रण भेजा गया है जिसमे कुछ ड्रग पीने वाली और बिकिनी पहन कर घूमने वाली हिरोइन भी हैं. इधर चार शंकराचार्यों द्वारा अविधिपूर्वक अशास्त्रीय प्रतिष्ठा समारोह के बॉयकाट कर देने पर देश भर में बवाल मचा हुआ है. दूसरी तरफ कांग्रेस सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने भी राजनीतिक कार्यक्रम में न जाने का फैसला किया है. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि देश इसके पक्ष में हरगिज नहीं है लेकिन नरेंद्र मोदी अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए यह कार्यक्रम करने को उद्धत हैं. उनका यही एकमात्र चुनावी सहारा है. ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य ने एकबार फिर नरेंद्र मोदी और आरएसएस को मन्दिर पर राजनीति करने के लिए घेरा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के बयान पर भी शंकराचार्यों ने नाराजगी जताई है. चंपत राय ने कहा था कि राम मंदिर रामानंद संप्रदाय का है, शैव, शाक्त और संन्यासियों का नहीं. इस पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी ने कहा था कि रामानंदी सम्प्रदाय का ही मन्दिर पर हक है, वे ही पिछले 500 साल से वहां पूजन करते रहे थे. चम्पत राय इस्तीफा दें और मन्दिर रामानंदी सम्प्रदाय को सौंप दें.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि रामानंद संप्रदाय के जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज हैं, काशी में उनका मुख्य मठ है श्रीमठ. वह रामानंद संप्रदाय के सबसे बड़े आचार्य माने जाते हैं. उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि के लिए बहुत प्रयास किए हैं और उनके जो पूर्वाचार्य थे, श्री शिवरामाचार्य जी महाराज राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए बनाए गए राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष थे. उन्हीं के सानिध्य में यह सब आरंभ हुआ था. स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज उन्हीं के उत्तराधिकारी हैं और बहुत बड़े विद्वान और प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं और सभी का समन्वय करके चलते हैं.’
उन्होंने ने कहा, ‘हमने उनके यहां फोन करके पता करवाया कि आपकी क्या भूमिका है, वहां चंपत राय जी कह रहे हैं कि राम मंदिर रामानंद संप्रदाय का है तो पता चला कि उनको तो निमंत्रण भी नहीं मिला है. जब से मंदिर बन रहा है तब से उनसे परामर्श भी नहीं किया गया. अब रामानंद संप्रदाय के सबसे बड़े आचार्य को निमंत्रण भी नहीं दिया गया है. आप दुनियाभर के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं. 6 हजार लोगों को आमंत्रित करने की बात कर रहे हैं.’
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चम्पत राय के बयान पर कि राममन्दिर रामायण पंथियों का है शैव, शाक्त धर्म का नहीं है. उसे हटाने की बात कही है. दूसरी तरफ चम्पत राय का वीडियो सोशल मीडिया पर और भी वायरल हो गया है जिसमे लूटपाट की बात की जा रही है. श्री राम मन्दिर प्रांगण में महत्वपूर्ण पद पर बैठा यह व्यक्ति ऐसी बातें कैसे कर सकता है? यह भी कहा जा रहा है कि राहुकाल में भूमि पूजा करने का दुष्प्रभाव चम्पत राय पर स्पष्ट है. ऐसा लग रहा है कोई शैतान ने अधिग्रहण POSSESSION कर लिया है.