Spread the love

नवरात्रि या दुर्गा पूजा के आठवें दिन को अष्टमी या दुर्गा अष्टमी के रूप में जाना जाता है. सभी अष्टमी में सबसे महत्वपूर्ण दुर्गा अष्टमी है जिसे महाष्टमी भी कहा जाता है. यह अश्विनी के महीने में नौ दिनों की नवरात्री उत्सव के दौरान मनाई जाती है. महाष्टमी पश्चिम बंगाल में विशेष तिथि है. दुर्गा अष्टमी को मासिक दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. मनोवांछित फल को प्राप्त करने के लिए माँ दुर्गा का अष्टमी का पूजन बहुत लाभप्रद है.

अष्टमी को रात्रि में मां दुर्गा का पंचोपचार पूजन कर खीर का भोग लगा कर सपरिवार जागरण करे  और  “दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता ।।’ का 1100 भावपूर्ण जप पूर्ण करे. गाय के घी का दीपक ही जलाएं. जप पूर्ण कर आरती सम्पन्न करके सुबह कन्याओं को खिलाये और उन्हें इच्छित वस्तुओं का दान करे. ऐसा  11 अष्टमी करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है. जब अष्टमी खत्म हो नवमी शुरू हो तो इस संधि में दो घटी अर्थात 48 मिनट संधि पूजा करनी चाहिए. इस संधि काल में देवी दुर्गा ने प्रकट होकर चंड और मुंड का बध किया था. इस काल को अर्धनारीश्वरमय माना गया है. भोजराज ने इसे उमामाहेश्वरी तिथि कहा है.

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की कृष्ण अष्टमी तिथि भगवान विष्णु के दसवें अवतार योगेश्वर श्री कृष्ण का दिव्य प्राकट्य दिवस है. देश भर के मन्दिरों और घरों में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है और मध्यरात्रि में भक्ति गायन, उपवास (व्रत), रात्रि जागरण (रात्रि जागरण) होता है. अगले दिन भव्य जन्माष्टमी समारोह सम्पन्न किया जाता है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की शुक्ल अष्टमी श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है. पुराणों में इस तिथि को श्री राधा का प्राकट्य दिवस माना गया है. कृष्ण प्रिया राधा का जन्म मध्याह्न में हुआ था इसलिए इस अष्टमी का विशेष पूजन मध्याह्न में ही सम्पन्न करना चाहिए. श्री कृष्ण और राधा दोनों की अष्टमी तिथि को प्रकट हुए थे. कृष्ण और राधा दोनों ही दुर्गा माता के परम उपासक थे इसलिए उनके जन्म के समय योगमाया ने सब कुछ रहस्यमय ढंग से कर दिया था . भाद्रपद मास की अष्टमी का मुहूर्त नीचे दिया जा रहा है –

कृष्ण पक्ष अष्टमी (कृष्ण जन्माष्टमी)

गुरूवार, 07 सितम्बर 2023

अष्टमी तिथि आरंभ: 06 सितंबर 2023 दोपहर 3:37 बजे

अष्टमी समाप्ति तिथि: 07 सितंबर 2023 शाम 4:14 बजे

शुक्ल पक्ष अष्टमी (दूर्वा अष्टमी, राधा अष्टमी)
22 सितंबर 2023 दोपहर 1:35 बजे – 23 सितंबर 2023 दोपहर 12:18 बजे