Spread the love

नरेंद्र मोदी ने 2019 में गुफा में लाईट-कैमरा लगा कर तमाशा बनाया था और कालनेमि की तरह समाधि लगाने की नौटंकी एक कुशल ड्रामेबाज की तरह ही की थी. यह पूर्व में आरएसएस कार्यकर्ता था तो नाटक खेलता भी था इसलिए यह बहुरुपिया ड्रामेबाज प्रारम्भ से केवल नौटंकी ही कर रहा है.आरएसएस का खो खो बानरो की नौटंकी की तरह ही एक खेल है. उस समय मोदी के पिछले पांच साल के कुशासन में अधर्म, लिंचिंग, हत्याएं, बलात्कार, सामाजिक अशांति, आतंकवादियों से सांठगाँठ कर भारत पर पुलवामा में हमला करवाना इत्यादि मुद्दे थे, जिसका खुलासा सत्यपाल मलिक ने हालिया में किया है. सन 2019 में चुनाव से पूर्व के पांच साल मोदी के कुशासन, लूटपाट, भ्रष्टाचार और हिंदुत्व की अराजकता में बीत गये थे, मोदी की उपलब्धि कुछ नहीं थी जिसे लेकर वह जनता से वोट मांग सके. तब पुलवामा करवाया और कोविड के वह गुफा में जा बैठा. अब 2024 में मोदी सरकार चहुँतरफा घिर चुकी है, हर तरफ प्रदर्शन हो रहे हैं और विकास बिना ड्राइवर के ही भाग रहा है. देशभर में हो रहे किसानो के प्रदर्शन, विद्यार्थियों के प्रदर्शन, बेरोजगारों के प्रदर्शन से घबराया और डरा हुआ मोदी फिर धार्मिकता के पीछे छुप रहा है. देश में मोदी और उसके गुजराती ठगों के रैकेट की व्यापक लूटपाट, दमन, देशद्रोही गतिविधियाँ, बेरोजगारी, अर्थव्यस्था का रसातल में चले जाने के बाद कोई दूसरा उपाय ही नहीं बचा है, इसलिए समुद्र में नई नौटंकी?. ऐसा मोदी समझता है कि भारत की धर्म प्रधान जनता को बार बार ऐसी घटिया नौटंकी से मूर्ख बना सकता है. आशा है कि इस बार जनता इसे आवश्य डूबायेगी ..