नरेंद्र मोदी की प्रारम्भ से ही बैंकिंग रैकेट से सांठगाँठ थी. इस सांठगाँठ के कारण ही बैंकों को लाभ पहुँचाने के लिए उसने नोटबंदी की थी और आम जनता का जमा धन 3 महीने के लिए बैन कर दिया था ताकि बैंक उससे मुनाफा कमा सकें. उसके बाद कमाई की नई स्कीम निकाला -जीरो बैलेंश अकाउंट. गरीबो को जीरो बैलेंश अकाउंट खोलवाया गया ताकि उन पर जुर्माना लगा कर रूपये कमाए जा सकें. मोदी की लूटपाट सरकार में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और पांच बड़े निजी बैंकों ने 2018 से अब तक विभिन्न शुल्कों के रूप में ग्राहकों से 35,000 करोड़ रुपए वसूले हैं. इसमें खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर लगने वाला जुर्माना, अतिरिक्त एटीएम ट्रांजेक्शन और सएमएस सर्विस चार्ज शामिल है. वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि सरकारी बैंकों और पांच निजी बैंकों (एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीबीआई बैंक) ने खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने वालों से 21,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का शुल्क वसूला है.
इसके अलावा एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट के बाद किए जाने वाले लेनदेन पर लगने वाले शुल्क से बैंकों ने 8,000 करोड़ रुपए कमाए हैं. इसके अलावा इन बैंकों ने ग्राहकों को भेजे जाने वाले एसएमएस सर्विस से 6,000 करोड़ रुपए की कमाई की है.

लूटपाट का गणित : मोदी ने जीरो बैलेंश अकाउंट खोलवाने के बाद नियम बना दिया कि बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस जमा न रखने पर ग्राहकों से शुल्क वसूला जाएगा. खाते में न्यूनतम राशि जिसे मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) कहते हैं न रखने पर शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चार्ज अलग अलग है. अलग-अलग बैंक महानगरों में 3,000 से 10,000 रुपए, शहरी क्षेत्रों में 2,000-5,000 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 500-1,000 रुपए के बीच न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त लगाते हैं. खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर बैंक 400-500 रुपए के बीच शुल्क खाते से काट लेते हैं. इसके अलावा फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट के बाद ATM से लेनदेन करने पर भी शुल्क लगता है. 01 जनवरी, 2022 से ATM पर ग्राहक शुल्क की अधिकतम सीमा 21 रुपए प्रति लेनदेन है.
Total of 51.04 crore Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY) accounts have been opened which means every month Rs 500 is extracted for NOT MAINTAINING minimum balance from the poor which is roughly 25500 crore.

