प्रेम भाव के बिना नहीं हो सकती ईश्वर भक्ति !
प्रेम भाव भक्ति की अनिवार्य शर्त है. बिना प्रेम के ईश्वर की भक्ति सम्भव नहीं. इस छोटे वीडियो में इसके बारे में बताया गया है.
प्रेम भाव भक्ति की अनिवार्य शर्त है. बिना प्रेम के ईश्वर की भक्ति सम्भव नहीं. इस छोटे वीडियो में इसके बारे में बताया गया है.
भागवत पुराण का प्रपंच वेद व्यास के परवर्जन से प्रारम्भ होता है. वेदव्यास को वेदांत का परमाचार्य माना जाता है और उन्हें ही ब्रह्मसूत्र का रचयिता भी माना जाता है…
भगवद्गीता महाभारत का हिस्सा है या नहीं इसके लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है. महाभारत के टैक्स्ट में ही इसका सत्य छिपा हुआ है. इसकी पहचान का पहला चरण…
मार्कण्डेयपुराण का एक यह एक विचित्र गपोड़ है कि आद्याशक्ति जो ब्रह्मरूपिणी हैं, उनसे एक तुच्छ दैत्य जो भगवद्गीता के अनुसार असुरी सम्पत वाला है, जिसे ब्रह्म के सच्चिदानंद स्वरूप…
देव्याथर्वशीर्ष के अनुसार, पराम्बा आद्यशक्ति ब्रह्मस्वरूप हैं, उनका जन्म नहीं होता─ इसलिये जिसे अजा कहते हैं; जो अकेली ही सर्वत्र है ─ इसलिये जिसे एका कहते हैं; जो अकेली ही…
मध्ययुग में लिखे गये पुराणों में पिता दक्षसे अपमानित होनेके कारण देवी सती के अग्निकुंड में प्राण त्याग दिये जाने की कथा है. यह कथा मध्य युग में लिखी गई,…