भारत के सबसे बड़े वकीलों में शरीक कपिल सिब्बल, मुकुल वासनिक और अभिषेक सिंघवी इस वीडियो में दो महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर रहे हैं. ये दो महत्वपूर्ण विषय हैं – बलात गिरफ्तारी और कोर्ट द्वारा लगातार बेल का इंकार किया जाना. इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर कानून क्या कहता है, कानून में क्या कमियां हैं और यह कितना खतरनाक है? अब जबकि केंद्र में फासिस्ट मोदी सरकार द्वारा विपक्ष की अनुपस्थिति में पास किये गये तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जायेंगे. अब इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा. यह बहुत खतरनाक कानून है जिसमे किसी को भी बिना जुर्म के ही संदेह पर गिरफ्तार किया जा सकता है. मसलन हर मुस्लिम आतंकवादी है? यह फासिस्ट्स का संदेह है इसलिए हर मुस्लिम पर गिरफ्तारी की तलवार हमेशा लटक रही है और उसका घर बुलडोजर से गिराया जा सकता है. विपक्ष का नेता को, विपक्ष की आवाज संदेह के बिना पर दबाई जा सकती है, ED को भेज कर गिरफ्तार किया जा सकता है और अनंत काल तक जेल में रखा जा सकता है, बोलने वाले को गिरफ्तार किया जा सकता है !
भारत की जनता के प्रति यह षड्यंत्र अशुभ ग्रहों के प्रभाव में किया जा रहा है. हिंदुत्व फासिज्म क्रूर शनि-राहु के गहरे प्रभाव में है इसलिए वह सभी असंवैधानिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. बुलडोजर न्याय एकतरह का स्टेट स्पोंसर्ड आतंकवाद है. भारत का गरीब भी बनियों के लिए बहुत बड़ा खतरा है इसलिए किसी गरीब का घर बुलडोजर से गिरा दिया जा रहा है. इस आतंकवाद से कोई सुरक्षित नहीं है.
इन दिग्गज वकीलों को आप भी सुनिए और समझिये ..

