
हमने अपने लेख “मां पार्वती ने किया था कजरी तीज का व्रत, आप भी अच्छे पति के लिए करें यह व्रत : के लिए कजरी के गीत जब सर्च किये तो कुछ ही गायक मिले जिनकी कजरी में कजरी की मौलिकता दिखी. पंडित छन्नू लाल मिश्र के इतर अवध की गायिका अंजू उपाध्याय के स्वर ने मुझे विशेष आकर्षित किया. बनारस, मिर्जापुर, अवध क्षेत्र में जो कजरी गई जाती है उनके स्वर में भाषाई स्तर पर सूक्ष्म अंतर है लेकिन मूल कजरी का स्वर एक ही है. इसके गायन में बनारस घराने का ख़ास दखल रहा है। अवध मंच चैनल पर उनके कुछ सुंदर गीत मौजूद हैं. इनके पति निलेश उपाध्याय कजरी और सोहर गीत के लेखक और संगीतकार हैं, साथ में अच्छे गायक भी हैं. युगल द्वारा चलाया जा रहा यह चैनल अवधि पुरवैया की संस्कृति में विलुप्त हो रहे कजरी को सहेजने का महती प्रयास है.
यहाँ पति-पत्नी द्वारा गए हुए कुछ चुने कजरी युगल गीत आप भी सुनें ..