
अमवस्या जब शनिवार को पड़ती है तो उसे शनीच्चरी अमावस्या कहते हैं. अमावस्या पितरो की तिथि और शनि भी अमावस्या के दिन पूजित होते हैं. शनिवार के दिन काली पूजा का भी विशेष महात्म्य है. ऐसे शनिवार में पढने वाले अमावस्या को शनि के उपाय करने से लाभ मिलता है. शनि के ये कुछ उपाय काफी प्रभावशाली होते है.
1-शनि अमावस्या के दिन पानी वाले 11 नारियल, 400-400 ग्राम की काली सफेद तिल्ली, नौ कीलें, आठ मुट्ठी जौ, आठ मुट्ठी काले चने और आठ मुट्ठी कोयला ले लें. इन सभी चीजों को काले कपड़े में बांधकर नदी में प्रवेश करके डूबकी लगायें और पश्चिम दिशा की ओर मुख करके अपने ऊपर से सात बार सिर से लेकर पैर तक घुमा लें. फिर एक-एक करके नदी में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से भाग्य जागृत होता है और शनि दोष से राहत मिलती है.
2-शुक्रवार के दिन सवा किलो काली उड़द की दाल को काले कपड़े में बांधकर अपने सिर के पास रखकर सो जाएं. उस दिन अपने पास किसी को ना सुलाएं. शनिवार अमावस्या के दिन शनि मंदिर में उस पोटली को रख दें. इसके बाद सायंकाल के समय काले सुरमे की शीशी को अपने सिर से लेकर पैर तक 9 बार किसी से उतरवा लें. फिर उसको किसी सुनसान जगह पर गाड़ दें. ऐसा करने से शनि ढैय्या व साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम होता है और जीवन में समृद्धि आती है.
3- शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि अमावस्या पर नवग्रह मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा-आराधना करें. पूजा-अर्चना करने के बाद शनि चालीसा या दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें और शनि मंत्रों का भी जप करें। इसके बाद शनिदेव पर काले तिल, तेल और नीले रंग के फूल अर्पित करें. ऐसा करने से जीवन में उन्नति होती है और शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
4- शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए. इस दिन सुबह पीपल की जड़ मे जल अर्पित करें. फिर पांच पीपल के पत्तों पर पांच मिठाई रख दें और फिर घी का दीपक जलाकर सात बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और किस्मत भी साथ देने लग जाती है।