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अक्षय तृतीया का पर्व इस साल 10 मई, शुक्रवार को मनाया जायेगा. यह वैशाख महीने का बहुत शुभ पर्व है, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हिन्दू इस पर्व पर लक्ष्मी की सिद्धि के लिए उनकी पूजा और व्रत करते हैं. इस बार अक्षय तृतीया पर रवि योग, धन योग, शुक्रादित्य योग, गजकेसरी योग, शश योग इत्यादि शुभ योग बन रहा है. सुवर्ण बेचने वाले इस दिन अधिक से अधिक धन लाभ करने के लिए टीवी पर कोई धूर्त पंडित बैठा कर सोना खरीदने के लिए बोलेंगे. इससे पहले कि आपके पास सोना आये, बनिया आपका बैलेंश कम कर देगा. इन चीजों से बचें. नरेंद्र मोदी ने देश में बनियों से ऐसी लूटपाट करवाई है कि जनता गरीब हो गई है. रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया के अनुसार हिन्दू महिलाओं ने सबसे ज्यादा गहना और मंगलसूत्र इनके अंतिम पांच वर्षों में बेचे हैं. हिन्दू को तो हवा पिला कर ही मोदी अमर कर रहा था इसलिए न किसी को जॉब की जरूरत थी, न शिक्षा की और न अच्छी चिकित्सा की ही जरूरत थी. यह कारण है कि मोदी के दस वर्ष में भारत की जनता ने सबसे कम सोना खरीदा है. मोदी ने सिर्फ जनता का धन अपहरण किया. आप गोदी मीडिया को देख ही रहे हैं इसलिए टीवी के धूर्त पंडितों पर ध्यान न दें. ज्योतिष के अनुसार धर्म-कर्म साथ-साथ होने पर ही लक्ष्मी की वृद्धि होती है. यह बात सदैव ध्यान रखनी चाहिए.

महाभारत के अनुसार राज्य छीन जाने के बाद पांडव वन में भीख मांग कर जीवन यापन करने लगे. एकबार पांडवों को जब दुर्वासा ऋषि के कारण महान संकट उपस्थित हुआ तब युधिष्ठिर ऐसे संकटों से बचने का उपाय सोचने लगे. इसी उपाय स्वरूप युधिष्ठिर ने सूर्य देव का पूजन किया. युधिष्ठिर के पूजन से प्रसन्न होकर सूर्य देव ने उन्हें एक अक्षय पात्र प्रदान किया था. यह पात्र अन्न से कभी रिक्त नहीं होता था. अक्षय तृतीया के दिन सिर्फ दो चीज की महिमा है. 1- तृतीया का व्रत और लक्ष्मी की शुभ मुहूर्त में पूजा करना. 2-इस दिन कुछ दान आवश्य करना. दान से धन की वृद्धि होती है, यह सभी शास्त्रों में कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र में अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इन उपायों को करना चाहिए-

1- अपनी राशि और लग्न में इस दिन शुभ मुहूर्त में विधि पूर्वक लक्ष्मी पूजन करें अथवा किसीअच्छे ब्राह्मण से पूजन कराएं. माता लक्ष्मी का इस दिन हल्दी से अभिषेक अवश्य करें.

2-अक्षय तृतीया के दिन दान करना बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा जल का घड़ा, दही, दूध, चावल, सत्तू, खीर, श्रृंगार का सामान आदि चीजों का दान अवश्य करें. इस दिन घड़े सहित दक्षिणा पूर्वक जल का दान करना चाहिए. घड़ा कास्य, पीतल या ताम्बे का कोई भी ले सकते हैं. ग्रीष्म ऋतु में यह दान बहुत पुण्य देने वाला माना गया है.

3-इस दिन श्री सूक्त का पाठ उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उनके समक्ष करें. सूर्य देव को रक्त वर्ण का जवाकुसुम अर्पित करें.