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तिरुमाला बालाजी मंदिर के लड्डुओ में एनिमल फैट के अंश मिलने के बाद मंदिरों के प्रसाद के अशुद्ध होने को लेकर जनता में संदेह व्याप्त हो गया है. मुंबई के मशहूर श्री सिद्धिविनायक मंदिर की चौंकाने वाली एक तस्वीर सामने आई है. मंदिर के महाप्रसाद में चूहे के बच्चे मिले हैं. मन्दिर फुटेज में चूहे प्रसाद को कुरते हुए दिख रहे हैं साथ में प्रसाद केऊपर घिनौने चूहों के बच्चे भी दिख रहे हैं. मंदिर में हर रोज प्रसाद के लिए 50 हजार लड्डू बनाए जाते हैं. प्रसाद के लिए 50-50 ग्राम के दो लड्डू पैकेट में होते हैं. इस खबर से संदेह गहरा हो गया है कि मन्दिर प्रसाद न केवल बेच रहे हैं बल्कि प्रसाद गंदा, अशुद्ध और जानवरों के फैट से दूषित भी है. एक जाने माने न्यूज चैनल एनडीटीवी ने एक वीडियो जारी करके यह न्यूज ब्रेक की है.

इस खबर के बाद मन्दिर प्रशासन अब जांच कि बात कह रहा है. इस खबर से हिन्दुओं कि आस्था मन्दिरों में खत्म हो सकती है. मन्दिर वैसे ही पप्रसाद बेचकर पाप कर्म कर रहे हैं. प्रसाद बेचना जघन्य पाप कर्म है. भगवद्गीता में कहा गया है –
कर्मणो ह्यपि बोद्धव्यं बोद्धव्यं च विकर्मण: | अकर्मणश्च बोद्धव्यं गहना कर्मणो गति: || 4.17||
‘बोद्धव्यम् च विकर्मणः’-कामनासे जो कर्म होते हैं उन कर्मों में जब कामना अधिक बढ़ जाती है और मनुष्य और भी अधिक लाभ कमा लें ऐसा संकल्प लेकर कार्य करता है तब उस कर्म से विकर्म (पापकर्म) होते हैं. धन कमा कर और धनी बनने केलिए 320 रुपए किलो घी खरीदा भाजपा-नायडू के कहे अनुसार जिससे लड्डू पापमय हो गया.