
पूजा की सामग्री खाना जघन्य अपराध और पाप है. राजा इक्ष्वाकु ने अपने पुत्र विकुक्षि को पितरों का श्राद्ध के लिए मांस लाने के लिए भेजा. उसने हिरन शिकार किया लेकिन उसमे से एक हिरन वह खा गया. हिरण का मांस खरगोश की तरह मुलायम होता है इसलिए राजा इसे खरगोश भी कहते थे. अब पुराण के अनुसार उसकी क्या गति होगी?
गरुण पुराण के अनुसार पूरा पूरा एक खरगोश कच्चा ही खा जाने वाला मरने के बाद क्या बना होगा ?
पुराण के अनुसार कुछ ऐसी ही गति हुई होगी ..