जन्म कुंडली में आयु के दो हॉउस हैं – 8th अष्टम और 3rd तृतीय भाव. किसी भी लग्न की कुंडली में इन दोनों भावों का अपोजिट हॉउस क्रमशः 9TH House और 2nd House है जो उसके लिए मारक हॉउस हैं. ये हॉउस उनको खराब कर सकते हैं या दोनों एक दूसरे को बर्बाद कर सकते हैं. प्रकृति में यह द्वैत एकअद्वैत भाव के साथ स्थित है और यह विशिष्ट अद्वैत उसके विकास और विनाश या मुक्ति का कारण है. यह द्वैत ही संसार है. स्त्री पुरुष की प्रकृति एक दूसरे की विरोधी है इसलिए स्त्री-पुरुष दोनों के लिए ही लग्न से उनका सप्तम हॉउस मारक है लेकिन यदि सप्तम हॉउस (पति या पत्नी ) ठीक हो तो एक दूसरे का पूरक बन कर एकदूसरे की संसिद्धि का कारण होते हैं. यदि पत्नी और पति दुष्ट हों तो लग्न की संसिद्धि नहीं होगी बल्कि उसके दुःख का कारण बन जायेगा. एक क्रूर पति से स्त्री के लग्न की या एक क्रूर दुष्टा स्त्री से पुरुष के लग्न की संसिद्धि नहीं होती.
इससे यह स्पष्ट होता है कि 1- आयु (longevity) नवम भाव के अनुरूप पराक्रम और कर्म करने से बढती है. 2-आयु (longevity) खान पान शुद्ध रखने और नियंत्रित रखने से बढ़ती है. तीसरा भाव आयु का भाव है, इसकी यदि कुंडली बना कर देखे तो पंचम भाव पराक्रम भाव में और द्वादश भाव दशम भाव होगा, इससे यह सिद्ध होता है यदि व्यक्ति मुक्ति के लिए उद्योग करे या उसके कर्मो का ओरियेंटेशन उदात्त जीवन हो या वह सारे कर्म यज्ञार्थात करता हो तो उसकी आयु बढ़ जायेगी. जन्म कुंडली के पराशरोक्त दोनों मारक हॉउस ( 7th and 2nd) का 9th हॉउस क्रमश: तृतीय 3rd house और 10th house दशम स्थान हैं अर्थात मनुष्य के पराक्रम और कर्म पर निर्भर करती है उसकी आयु (longevity).
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यह भी बहुत सुंदर सूत्र है आयु के बारे में . व्यक्ति की आयु उसके पराक्रम पर निर्भर करता है .. पराक्रम (शक्ति ) के बिना जीवन भी मरण है. जन्म कुंडली में तीसरा घर बहुत महत्वपूर्ण है जिस पर ध्यान देना चाहिए. मन-बुद्धि के द्वारा भी इसका नियन्त्रण किया जा सकता है. तृतीय हॉउस मीडिया, कम्युनिकेशन, मानसिक झुकाव, पैशन, सोच, बुद्धि, दृढ़ता इत्यादि को दर्शाता है. ऐसा देखा गया है कि जिनका मन या चित्त स्वस्थ नहीं है वो जल्दी रोगी हो जाते हैं और उनकी आयु जल्दी ढल जाती है जबकि वे जो प्रफुल्ल चित्त रहते हैं ..निश्चिंत रहते है वो नवजवान लगते हैं और स्वस्थ रहते हैं. महर्षि पतंजलि का कैवल्य भी इस चित्त या मन के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है इसलिए योग का पहला सूत्र ही उन्होंने “योगश्चित्तवृत्ति निरोध:” लिखा. यह मुक्ति और अमरता के लिए पहला सूत्र है. हर मनुष्य कुछ न कुछ मुक्ति खोज ही रहा है. दुनिया भर में अनैतिक पूजीवादी मीडिया ने 3rd house का दुरूपयोग करके अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ या लाभ के लिए जनता में घृणा-विद्वेष को इस हद तक भर दिया कि विश्व भर में मानसिक रोगियों की संख्या में कई गुना इजाफा हो गया है. 3rd हॉउस के दुरूपयोग से अनेक व्याधियों का जन्म सम्भव है. योगवशिष्ठ में भी यह बात कही गई है –

जन्म कुंडली का तृतीय हॉउस बहुत महत्वपूर्ण है. यदि व्यक्ति पराक्रम अपने मानसिक झुकाव, अपनी रूचि के अनुसार धर्मानुसार तथा नैतिकता के साथ करता है तो उससे संसिद्धि मिलती है. किसी लग्न के लिए 3rd house के समक्ष 9th house है जो उसका मारक भाव है तो यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि धर्म भाव के साथ सामजस्य बनाकर पराक्रम करने से आयु की वृद्धि या संसिद्धि होती है. यहाँ धर्म में पतंजलि के पांच यम- क) अहिंसा, (ख) सत्य, (ग) अस्तेय (चोरी न करना अर्थात् दूसरे के द्रव्य के लिए स्पृहा न रखना), (घ) ब्रह्मचर्य, तथा अपरिगृह शामिल हैं। 9th house धर्म, नैतिक मूल्य, ज्ञान, जीवन के उदात्त मूल्य, ईश्वर चिन्तन इत्यादि का प्रतिनिधित्व करता है. यदि किसी भी देश का मीडिया अनैतिक होगी, झूठ का प्रचार करेगी, घृणा-विद्वेष को प्रसारित करेगी तो धर्म की हानि होगी, नैतिक मूल्यों का ह्रास होगा जिसके कारण समाज पतित होगा और लोगो का चित्त अशांत, पैशाचिक बन जायेगा. यह किसी के लिए भी शांति और विकास की जगह अशांति और अवनति का कारण बनेगा. 8th हॉउस का सप्तम हॉउस उसके सामने 2nd house होता है जो वाणी का हॉउस भी है, इसलिए किसी के प्रति गंदी वाणी( bad, abusive, hate-filled speech) बोलने से एक मारक प्रभाव पैदा हो सकता है, कई बार किसी छोटी बात पर भी हत्याएं होती देखी जाती हैं. गोदी मीडिया भी अपनी गंदी घृणा-विद्वेष पूर्ण न्यूज एंकरों की वाणी से हिंदुत्व फासिस्टों के लिए दंगे भड़काने, हत्याएं करवाने का घोर घृणित कर्म करते हैं. इस पाप कर्म से ये सेवक देश का तो नाश कर ही रहे हैं लेकिन इनका भी नाश हो सकता है. दुष्प्रचार करने वाला फासिज्म समर्थक ज्योतिषियों का गैंग भी पाप कर्म में ही गले तक फंसा हुआ है, ये ठग ज्योतिषी हिंदुत्व ठगों के लिए अंडबंड प्रेडिक्शन करते हैं और यूट्यूब तथा सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. हलिया में उपराये इन धूर्त ज्योतिषियों के एक नये गैंग के साथ पिछले चार पांच साल से अमेरिकी राईटिस्ट भी दुष्प्रचार पर काम करते रहे और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री को बहादुर शाह जफर का अवतार बता डाला.
भगवद्गीता में भी उपरोक्त बातों का सन्दर्भ है जहाँ कहा गया है कि आसुरी सम्पत के लोग संसार का नाश करने के लिए ही पैदा होते हैं. गोदी मीडिया के एंकरों और आरएसएस के धूर्त ठग कर्मचारियों के बारे में भी यह बात कही जा सकती है. .
पूर्वकर्मफलं भोक्तुं जन्तोर्यदिह जीवनं
आयुस्तत्कर्मशक्त्यास्य दीर्घमध्याल्पतादिकम
Men are born in this world to enjoy the fruit of their auspcious and inaspicious karmas. This life span is called longevity(आयु). According to accumulated prarbdha karmas he obtains long life span, middle life span or a short life span.

