बारह चन्द्र मासों में कार्तिक को सर्वश्रेष्ठ मास कहा गया है. यह सबसे पवित्र महीना है और भगवान विष्णु को समर्पित है. एकबार ऋषियों ने ब्रह्मा जी पूछा था कि मासों में श्रेष्ठ कौन मास है, देवताओं और तीर्थों में कौन श्रेष्ठ है ? ब्रह्मा जी ने बताया था कि कार्तिक मास सभी महीनों में श्रेष्ठ है और भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं. इस महीने में हिन्दू धर्म के सभी तैतीस देवता पृथ्वी लोक में मनुष्यों के करीब होते हैं. इस मास में किये गये दान, पुण्य, स्नान, पूजा, व्रत को देवता विधि पूर्वक ग्रहण करते हैं.
कार्तिक महीने में किया गया व्रत और विष्णु पूजन अक्षय फल देने वाला बतलाया गया है. इस महीने में अन्नदान भी अक्षय फल देने वाला होता है. इस महीने में परान्न का त्याग करने वाला अतिकृच्छ्र यज्ञ का फल प्राप्त करता है. कार्तिक मास के समान कोई मास नहीं, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं, गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है. यह महीना न्यायोचित द्रव्य के दान सर्वश्रेष्ठ महीना कहा गया है. भगवद्गीता में कहा गया है ” देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।” यह कार्तिक महीने का पूरा काल विष्णु को प्रिय है और इसलिए इस शुभ काल में दान भी अति पुण्यदायक है.
कार्तिक महीने में शालग्राम का पूजन, विष्णु मन्दिर में जागरण, विपत्ति में पड़े व्यक्ति को पीपल के वृक्ष के नीचे अथवा तुलसी वन में जागरण करना चाहिए. तुलसी के गमले को चारो तरफ लगा कर उसके मध्य में स्थित होकर रात जागरण करते हुए विष्णु पूजन, भजन करने से कोई भी विपत्ति से मनुष्य पार निकल जाता है.
इस महीने में आवलें का पूजन बहुत पुण्यदायक होता है. इस महीने में विष्णु के निमित्त प्रतिदिन दीप दान करने से मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है. कार्तिक महीने में ब्राह्मण को पति-पत्नी साथ भोजन कराने से अनेक प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है. कार्तिक मास में प्रतिदिन गीता का पाठ समस्त पापों को हरने वाला और सुख के साथ मोक्ष प्रदान करने वाला कहा गया है. कार्तिक महीने में जो पलाश के पत्तल पर भोजन करता है उसको विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है. कार्तिक महीने में गंगा स्नान का विशेष महात्म्य बताया गया है. कार्तिक महीने में जो कोई भक्ति पूर्वक तुलसी दल विष्णु को अर्पित करता है उसे अनंत काल तक सुख मिलता है. इस महीने में ही घर में तुलसी का रोपड़ करना चाहिए.
कार्तिक महीने में निम्न वस्तुओं का त्याग करना चाहिए – तेल नहीं लगाना चाहिए, बहुत से बीजों वाले फल का त्याग करें, लौकी, गाजर, बैगन, बासी अन्न, मसूर, राई, बेर, सिघाड़ा, पराया अन्न, कांसे के पात्र में भोजन, श्राद्ध का अन्न, रजस्वला का दिया अन्न त्याग करे.
कार्तिक माह में हिंदू धर्म के कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार भी किए जाते हैं जो इस प्रकार है – गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, दिवाली और देवोत्थान एकादशी जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं. इस महीने में निम्नलिखित व्रत पर्व होंगे –
मासिक कार्तिगाई और रोहिणी व्रत – 31 अक्टूबर, 2023
करवा चौथ, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी – 1 नवंबर, 2023
रमा एकादशी – 09 नवंबर, 2023
धनतेरस – 10 नवंबर, 2023
दीपावली – 12 नवंबर, 2023
गोवर्धन पूजा – 13 नवंबर, 2023
भैया दूज – 14 नवंबर, 2023
छठ पूजा पर्व – 17 नवंबर से 20 नवंबर
देवुत्थान एकादशी – 23 नवंबर, 2023
तुलसी विवाह – 24 नवंबर, 2023

