अमावस्या पर लगने जा रहा है इस साल का एक ख़ास सूर्य ग्रहण. इसको रिंग ऑफ फायर RING OF FIRE कहा जा रहा है क्योंकि ग्रहण के समय अग्नि का एक अद्भुत वर्तुल दिखाई पड़ेगा. यह वैज्ञानिकों के लिए एक अनोखी घटना होगी जिसमे वे कुछ विशेष सिद्धांतों की पुष्टि करेंगे. यह ग्रहण आज से 12 दिन बाद लगने वाला है. इस सूर्य ग्रहण की अवधि 7 घंटे की होगी. बता दें कि सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. इस सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को इस तरह ढंक लेगा कि सूर्य की आकृति एक जलती हुई रिंग की तरह दिखेगी. इस वर्तुल के कारण ग्रहण का नाम रिंग ऑफ फायर दिया गया है.
यह ग्रहण 14 अक्टूबर को पितृपक्ष की अमावस्या में रात 8 बजकर 34 मिनट पर लगेगा और रात को 2 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा. यह ग्रहण यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ग्रहण में रिंग ऑफ फायर की स्थिति होने से इस ग्रहण के समय कुछ मिनटों तक सूर्य का प्रकाश नहीं आएगा और जहां यह दिखेगा, वहां पूर्ण अंधेरा हो जाएगा.
यह विशेष सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, पेरू, क्यूबा, जमैका, हैती, ब्राजील, बहामास, एंटीगुआ, उरुग्वे, उत्तरी अमेरिका, बारबाडोस आदि स्थानों पर नजर आएगा. इस सूर्यग्रहण को भारत में न दिखने से सूतक मान्य नहीं होना चाहिए लेकिन पुराण बाबाओं का कोई ठिकाना नहीं है. शास्त्रों के अनुसार, जब भी सूर्यग्रहण लगता है उससे ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है और ग्रहण खत्म होने तक सूतक काल रहता है.

