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मोरारी बापू का जन्म २५ सितंबर १९४७ ( हिंदू कैलेंडर के अनुसार शिवरात्रि ) को महुवा, गुजरात के पास तलगाजरडा गाँव में प्रभुदास बापू हरियाणी और सावित्री बेन हरियाणी के वहां छह भाइयों और दो बहनों के परिवार में हुआ था। रामप्रसाद महाराज की उपस्थिति में गुजरात के गांडीला में नौ दिवसीय प्रवचन का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने सर्वप्रथम रामचरितमानस पर प्रवचन दिया.  मोरारी बापू का भारत के बाहर पहली बार प्रवचन १९७६ में नैरोबी में हुआ था, जब वह केवल 30 साल के थे.

मोरारी बापू एक बेहतरीन कथावाचक हैं. यह इकलौते ऐसे कथा वाचक हैं  जिन्होंने पृथ्वी पर, अन्तरिक्ष में और जल में रामायण कथा कही है. मोरारी बापू ने अयोध्या में यौनकर्मियों के बीच राम कथा का आयोजन किया था. मोरारी बापू की रामायण पर विशेष पकड़ और विद्वता है, ये रामायण विषय के बड़े शोधकर्ता भी हैं. इनकी कथाएं काफी कवित्वमय, रोचक और विद्वतापूर्ण होती रही हैं.

पिछले चार पांच वर्षों में हिंदुत्व फासिस्टों के गहरे प्रभाव में ये दूषित हो गये थे और अपने ईष्ट देवता का अपमान किया. मोरोरी ने Jun-2020 में खुले मंच से भगवान कृष्ण, बलराम को विनाशक और पियक्कड़ बताया था. इससे पूर्व इन्होनें श्री राम-कृष्ण द्वारा पोषित सनातन वैदिक धर्म के विरुद्ध जाकर 27-Nov-2017 को एक हिन्दू जोड़े की श्मशान में शादी करा दी थी. इसके कारण इनकी बड़ी फजीहत और दुर्दशा हो गई थी. इनको बड़ा अपमानित होना पड़ा था. इनपर इस कारण हमला भी हुआ. बाद में जब इन्हें होश आया, तब इन्होने इस भयंकर पाप के लिए बाद माफ़ी भी मांगी थी.

मोरारी बापू की जन्म कुंडली –

सन 2014 से 2020 तक की इनकी दशा अच्छी नहीं थी. इस दौर में इनपर राहु-शनि दोनों ही सवार थे. इन्होंने शनि-राहु दशा में ही श्मशान में शादी कराई थी. गौरतलब है कि शनि द्वादश में इनका पाप-मारक ग्रह है और राहु तो मूलभूत रूप से चांडाल है ही. इस दौर में हिंदुत्व के प्लेटफोर्म से इन्होने बहुत सारे पाप कर्म किये और इनका मोटिवेशन राजनीतिक रहा. इसी दशाओं में इन्होने कृष्ण को विनाशक और पियक्कड़ कहा. गुजराती होने के नाते इन्होने खुले मंच से मोदी का प्रचार भी किया. हिंदुत्व राहु प्रभावित षड्यंत्रकारी है, यह हिंदुत्व का स्वभाव में पूर्ण रूप से प्रकट हुआ है. राहु का जो स्वभाव ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है वो हिंदुत्व में पूर्णरूपेण प्रकट देखा जा सकता है. पिछले एकदशक में उपराये भाँती भाँती के जोकर ज्योतिषी और इंटनेट पर फैले हुए हिंदुत्व का प्रचार करते ठग ज्योतिषी इन चीजों नहीं देख पाते क्योंकि उन पर ही अशुभ ग्रहों का गहरा प्रभाव रहता है.

मोरारी बापु की शनि महादशा में NRI से इन्हें प्रतिष्ठा मिली , खूब विदेश में गये और रूपये कमाए. लेकिन शनि-राहु दशा में हिंदुत्व के शक्तिशाली ठग, क्रूर, छली, धर्म के विपरीत चलने वाले, छद्म वार करने वाले राजनीतिक राहु का संक्रमण हुआ और ये धर्म से पतित होकर चांडाल बन गये. सन 2000 से ही इनकी शनि की महादशा है. सम्भवत: इस दशा में ही इन्होने काले वस्त्र और काला टिका लगाना शुरू किया होगा. इस दशा में इन्होने तन्त्र की साधनाएं की होंगी ऐसा प्रतीत होता है.