ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को लोहितांग, कुज और भौम भी कहते हैं, यह सत्वप्रधान लेकिन तामस ग्रह माना गया है. यह मकर राशि में 21 अंश पर परमोच्च और कर्म राशि में 21 अंश पर परम नीच होता है. शुक्र की वृष राशि इसके लिए नेगेटिव होती है. यह  शक्ति, ऊर्जा, साहस, लड़ाई झगड़ा, विरोध और पराक्रम का कारक माना गया है. मंगल से बड़ी दुर्घटनाएं, आग लगना, भूकम्प, सूखा, तूफ़ान आदि उत्पन्न होते हैं. 
मंगल के कमजोर होने पर व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके कमजोर होने से देहबल और मनोबल दोनों में ही कमी आ जाती है. मंगल खराब हो तो योग्यता होने के बाद भी व्यक्ति का मनोबल गिरा हुआ रहता है जिसका परिणाम यह होता है कि वह घर बैठा रह जाता है, कुछ नहीं कर पाता. इसके दोष में रक्ताल्पता, रक्त की बीमारी, मनोउन्माद, ब्लड प्रेशर, मज्जा की कमी, यौवन का जल्दी ढल जाना इत्यादि हैं. मंगल अच्छा होता है तो जातक 60 की उम्र में भी नवयुवक की तरह दिखता है.
इसके कुछ सामान्य पारम्परिक उपाय  निम्नलिखित हैं – 
मंगल के विशेष उपाय यहाँ देखें 
– मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगलवार के दिन व्रत करें और हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें.
– मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें अथवा हनुमान मन्दिर से चोला( जो सिंदूर लगा होता हैं हनुमान की देह में उसे चोला कहते हैं) उतरवा कर लें आयें और घर में पत्थर के हनुमान मूर्ति पर चढ़ा कर उसका घर पर पूजन करें..
– मंगलवार के दिन तांबा, लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल या मसूर की दाल का दान करने से मंगल के अशुभ प्रभावों में कमी आती है. मक्का दान से भी मंगल का शुभ प्रभाव बढ़ता है. खराब मंगल में उसके अन्न का किसी गरीब ब्राह्मण को तुला दान करना चाहिए.
– मंगल के प्रभाव को कम करने के लिए भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ भगवान कार्तिकेय की विशेष पूजा करनी चाहिए.
– भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जप करने मंगल ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है.
-मंगलवार के दिन अनंत मूल की जड़ का चूर्ण बनाएं.उसे सुबह-शाम गाय के दूध में लें. लेते समय मंगल का मन्त्र जपते हुए ले. मंगल का निम्लिखित बीज मन्त्र जपें ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः  . इससे मंगल जनित रोग खत्म होते हैं साथ में राशि दोष भी खत्म होता है. 
-ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का जप करें  अथवा नाम मन्त्र ॐ भौं भौमाय नमः  याॐ अं अंगारकाय नमः मंत्र का जाप करना भी लाभदायक सिद्ध होता है. 

