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जयाप्रदा (Jaya Prada born Lalitha Rani Rao; 3 April 1962) का जन्म ललिता रानी के रूप में, भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य में स्थित राजमण्ड्री के एक मध्यम-वर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता कृष्णा एक तेलुगू फ़िल्म फाइनेंशियर थे और माँ नीलवाणी गृहणी थी. उन्हें कम उम्र में ही नृत्य और संगीत कक्षाओं में दाखिल कर दिया गया था. जब वे चौदह वर्ष की हुईं तो नृत्य में काफी बेहतर हो चुकी थीं. चौदह वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने स्कूल के वार्षिक समारोह में एक नृत्य प्रदर्शन किया. दर्शकों में एक फ़िल्म निर्देशक भी थे, नृत्य से प्रभावित होकर उन्होंने जयाप्रदा से तेलुगू फ़िल्म ‘भूमिकोसम’ में तीन मिनट के नृत्य प्रदर्शन की पेशकश की. इस फ़िल्म के तीन मिनटों के अंश को तेलुगू फ़िल्म उद्योग की प्रमुख हस्तियों को दिखाया गया और उनके सामने अनेक फिल्मों प्रस्ताव आये. यहीं से उनकी फ़िल्मी दुनिया सफर शुरू हुआ. सन् 1976 में तीन हिट फिल्मों Anthuleni Katha (1976), Siri Siri Muvva (1976), Sita Kalyanam (1976) के साथ वे तेलगु फिल्मों की एक बड़ी स्टार बन गईं. सन् 1977 में उन्होंने अडवी रामुडु Adavi Ramudu में अभिनय किया, जिसने बॉक्स ऑफ़िस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और स्थाई रूप से उन्हें एक स्टार का दर्जा दिया. जयाप्रदा तथा सह-अभिनेता एन.टी. रामराव पर फ़िल्माया गया गीत “आरेसुकोबोई पारेसुकुन्नानु” जनता के बीच ज़बरदस्त हिट रहा. तेलगु में उन्हें तीन फिल्म फेयर अवार्ड मिले. उन्होंने तेलुगू फ़िल्मों से बाहर निकल कर, तमिल, मलयालम और कन्नड़ फ़िल्मों में भी अभिनय किया.

के. विश्वनाथ ने 1976 में  हिंदी में सरगम बनाया और जयाप्रदा को बॉलीवुड से परिचित कराया. फ़िल्म सफल रही और वे रातों रात हिंदी फिल्मों की भी स्टार बन गईं. इसके तीन साल बाद निर्देशक के. विश्वनाथ ने फ़िल्म ‘कामचोर’ (1982) में उन्हें फिर लिया, फिल्म हिट रही. इस फिल्म के जरिये उन्होंने हिंदी में भी मुकम्मल जगह बना लिया. उन्हें  प्रकाश मेहरा की फ़िल्म शराबी (1984) में अमिताभ बच्चन की प्रेमिका के रूप में और के. विश्वनाथ की ‘संजोग’ (1985 ) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में दो फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मिले. सत्यजीत रे ने जयाप्रदा को बॉलीवुड की सुन्दरतम अभिनेत्रियों में एक बताया था.

उनकी प्रमुख फ़िल्में – Anthuleni Katha (1976), Siri Siri Muvva (1976), Sita Kalyanam (1976), Adavi Ramudu (1977), Yamagola (1977), Sanaadi Appanna (1977), Huliya Haalina Mevu (1979), Sargam (1979), Ooriki Monagadu (1981), Kaamchor (1982), Kaviratna Kalidasa (1983), Sagara Sangamam (1983), Tohfa (1984), Sharaabi (1984), Maqsad (1984), Sanjog (1985), Aakhree Raasta (1986), Simhasanam (1986), Sindoor (1987), Samsaram (1988), Elaan-E-Jung (1989), Aaj Ka Arjun (1990), Thanedaar (1990), Maa (1991), Habba (1999), Shabdavedhi (2000), Devadoothan (2000), Pranayam (2011), Ee Bandhana (2007) and Krantiveera Sangolli Rayanna (2012). 

सन 1986 में उन्होंने निर्माता श्रीकांत नाहटा से शादी की, जो पहले से ही चंद्रा के साथ विवाहित थे और 3 बच्चों के पिता थे. नाहटा ने अपनी वर्तमान पत्नी को तलाक़ नहीं दिया. उनका यह सम्बन्ध काफी विवादपूर्ण रहा लेकिन बाद में पहली पत्नी राजी हुई और दोनों स्नेहपूर्ण तरीक़े से पति साझा करने के लिए सहमत हुए. जयाप्रदा और श्रीकांत के कोई बच्चे नहीं हैं.

जयाप्रदा को सन् 1994 में उनके पूर्व साथी अभिनेता एन.टी. रामराव ने तेलुगू देशम पार्टी ज्वाइन कराया. लेकिन बाद में उन्होंने रामराव से नाता तोड़ लिया और पार्टी के चंद्रबाबू नायडु गुट में शामिल हो गईं. सन् 1996 में उन्हें राज्य सभा में मनोनीत किया गया. पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के साथ मतभेदों के कारण, उन्होंने तेदेपा को छोड़ दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं तथा सन् 2004 के आम चुनावों के दौरान रामपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सफल रहीं. जया प्रदा वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई.

जयाप्रदा की जन्म कुंडली –