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सूर्य अपनी सिंह राशि को छोड़कर 17 सितंबर, रविवार 2023 को सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएगा . यह पृथ्वी तत्व की उद्यम प्रधान राशि है. सूर्य के कन्या में गोचर के बाद एक घंटे का 10 बजकर 2 मिनट से 11 बजकर 8 मिनट तक रविवार-द्वितीया के योग से द्विपुष्कर योग रहेगा, जो अत्यंत शुभ योग है. ज्योतिष के अनुसार भद्रा तिथियां अर्थात् द्वितीया, सप्तमी या दशमी तिथियां में से ही कोई तिथि रविवार या मंगलवार या शनिवार को पड़े तथा उस दिन चन्द्रमा विशिष्ट नक्षत्र में हो तभी चन्द्रनक्षत्रानुसार ‘द्विपुष्कर’ अथवा ‘त्रिपुष्कर योग’ होता है. धनिष्ठा, चित्रा या मृगशिरा नक्षत्र में चन्द्रमा हो,तो ‘द्विपुष्कर’ योग होता है तथा कृतिका, पुनर्वसु, विशाखा, उतराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा हो तो ‘त्रिपुरष्कार योग’ होता है. द्विपुष्कर योग में जो शुभ कार्य प्रारम्भ होता है तो उसकी पुनरावृत्ति होती है और सुभ कार्य की दोगुनी वृद्धि होती है. इस योग में किसी मूल्यवान चीज की खरीदारी करनी चाहिए. द्विपुष्कर योग समाप्त होते ही तृतीया लग जाएगी.

17 सितम्बर को ही वराह जयंती है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को वराह जयंती का पर्व मनाया जाता है. 17 सितम्बर को 11 बजकर 8 मिनट के बाद से तृतीया प्रारम्भ है. वराह जयन्ती के दिन वैष्णव भक्त भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन, उपवास एवं व्रत इत्यादि का पालन करते हैं. भगवान विष्णु ने इस दिन वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष नामक दैत्य का वध किया था.

भाद्रपद महीने के अंतिम दिन विश्वकर्मा पूजा पड़ती है. विश्वकर्मा देव शिल्पी हैं, इन्हें सृष्टि का पहला वास्तुकार और शिल्पकार माना जाता है. उन्होंने इस सृष्टि को सजाने और संवारने का काम किया था. विश्वकर्मा ने सूर्य के तेज को कम किया था, इन्होने सत्ययुग में स्वर्गलोक का निर्माण किया, त्रेता युग में लंका का, द्वापर में द्वारका का और कलियुग के आरम्भ से वर्ष पूर्व हस्तिनापुर और इन्द्रप्रस्थ का निर्माण किया था. मान्यता के अनुसार विश्वकर्मा ने ही जगन्नाथ पुरी के जगन्नाथ मन्दिर में स्थित विशाल मूर्तियों का भी निर्माण किया था.

विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पहला शुभ मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 7 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक है.  दूसरा मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 59 मिनट से दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक है. इस दौरान वाहन फैक्ट्री और घर के औजारों की विधिवत पूजा कर सकते हैं.