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वैष्णो देवी मंदिर हिंदुओं की आस्‍था का प्रमुख तीर्थ स्थल है. लोग अपनी कामना लेकर मां के द्वारा पहुंचते हैं और मां उनकी हर मनोकामना पूरी करती है. कई लोग किसी नए काम की शुरुआत से पहले भी वैष्णो देवी जाते हैं. लेकिन क्या मुस्लिम स्टार भी मन्दिर इसीलिए जाते हैं?   सेलिब्रिटीज कहाँ जायेंगे यह निर्भर करता है राजनीतिक समय पर और यह देख कर कि कैपिटल की उड़ान किधर है. सेक्युलर समय में ज्यादातर सेलिब्रिटीज दरगाह पर चादर चढ़ाने जाते थे या शिरीडी साईं मन्दिर में माथा टेकने जाते थे.

शिरिडी साईं मन्दिर,भगवान विट्ठल के खिलाफ एक मुहीम के तहत बनाया गया था. इस मुहीम में उस समय सेक्युलरिज्म के समर्थक बनिया और फ़िल्मी दुनिया भी शरीक थी और फिल्मों में इसका प्रोपगेंडा करके इसे प्रचारित भी किया गया था. पहले अजमेर शरीफ़ ये दाऊद या अंडरवर्ल्ड के डर से जाते थे. लगभग सभी यहाँ हाजिरी बजाते थे लेकिन पिछले 9 साल में हिंदुत्व फासिज्म के भय से मन्दिर जाने लगे हैं. यह कोई नई बात नहीं है, ये नचनियां नैसर्गिक भीरु होते हैं. ये धर्म के लिए कहीं नहीं जाते और न धर्म करते हैं. जिस तरह बहुरुपिया समय के अनुसार अपना चरित्र बदल लेते हैं, उसी तरह ये नाचने-गाने वाले होते हैं. इस समय हिंदुत्व के भय से ये राम नाम बोलते हैं और हिंदुत्व सपोर्टर फिल्म देखें इसलिए वैसी बातें कहते हैं.

कितनी बिकिनी पहन गंद फ़ैलाने वाली हीरोइनें गंगा नहा कर पवित्र हो गईं. कंगना रनोत ड्रग में डूबी थी,अनेक स्टार के साथ फिल्म के लिए बिस्तर हुई लेकिन अब गंगा नहा कर पवित्र हो गई है. पवित्र होकर उसने मीडिया के सामने कमोवेश सभी एक्टर्स पर देह-दोहन का आक्षेप लगाया था. गंगा सबके पाप धुल देती है. फिल्म रिलीज से पहले उसकी सफलता के लिए मंदिर, दरगाह या गुरुद्वारा में माथा टेकने धार्मिक भावना से कम ही जाते हैं. ज्यादातर मामले में पब्लिक का समर्थन प्राप्त करना उद्देश्य रहता है. बॉलीवुड के किंग शाहरुख़  फिल्म जवान रिलीज से पहले वैष्णो देवी मंदिर दर्शन करने गये कि हिंदुत्व समर्थक देख लेंगे तो फिल्म हिट हो जाएगी. मुसलमान तो देखेगा ही चाहे फिल्म कैसी भी हो, खान मुस्लिम है तो मुस्लिम समर्थन करेगा, बल्कि दो दो बार देखेगा. फिल्म के स्टार्स का कोई धर्म नहीं होता और न ही कोई जाति होती है. जिस तरह अप्सराएँ सबकी होती थीं, उसी तरह ये सबके हैं, जो पैसे दे दे उसके लिए ये नाचते हैं. वेश्याओं की तरह ही इनकी अपनी कोई विचारधारा और अस्मिता नहीं होती. यह समय के अनुसार खुद को सर्कुलेट करते हैं. पहले ये दाउद के दरबार में नाचते थे.

खैर, खान ने माता के दर्शन किए और फिल्म हिट होने का आर्शीवाद मांगा. शाहरुख़  फिल्म जवान रिलीज से पहले तिरुपति बाला जी भी दर्शन करने गये.  तस्वीरों में किंग खान व्हाइट कुर्ता-पजामा के साथ गले में गमछा डाले हुए नजर आ रहे हैं.  इसके बाद हो सकता है किसी दरगाह भी जाएँ. शाहरुख़ खान अपने पुत्र की पिछले वर्ष हुई दुर्दशा से भयभीत है इसलिए मन्दिर जा रहे हैं. क्या शाहरुख़ खान 2014 से पहले भी मन्दिर दर्शन करने जाते थे??  लेकिन इसमें सबसे बड़ा आश्चर्य यह है तिरुपति बाला जी या वैष्णव देवी मन्दिर में बीफ खाने वाले को प्रवेश करने दिया गया!