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सावन का महीना शिव को अत्यंत प्रिय है. शिव ने स्वयं ही स्कन्द पुराण में सावन को अपना अति प्रिय महीना कहा है. इस महीने में पूरे महीने शिव का पूजन और जल से अभिषेक करना चाहिए. इसके इतर कामनाओं के लिए अलग तरह से पूजा का विधान शास्त्रों में है. शास्त्रीय विधि से शिव पूजन करने से सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति होती है.

1-शिव जी ने स्कन्द पुराण में नक्त व्रत की महत्ता का वर्णन किया है. इस पूरे महीने नक्त व्रत करना चाहिए. नक्त व्रत से परम सिद्धि मिलती है और सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं.

2-सावन महीने भर रूद्र मन्त्र से, अति रूद्र और महारूद्र से शिव का प्रतिदिन अभिषेक करना चाहिए. रुद्राष्टाध्यायी से अभिषेक करने का अनंत फल है.

3-लक्ष्मी चाहने वालों या शान्ति चाहने वालों को एक लाख विल्व पत्र या एक लाख दूर्वा से मन्त्र द्वारा भगवान शिव पूजन करना चाहिए.

4-आयु की कामना करने वालों को चम्पा के पुष्पों से महामहामृत्युंजय मन्त्र द्वारा शिव का पूजन करना चाहिए.

5-विद्या के लिए एक लाख चमेली या मल्लिका के पुष्पों से पूजन करना चाहिए.

6-जो भोज्य पदार्थ सबसे ज्यादा प्रिय हो उस चीज का दान करके पूरे सावन उसका त्याग करने से उस चीज की सदैव प्राप्ति होती है.

7-पुत्र की कामना के लिए कटेरी के दलों से शिव पूजन करना चाहिए.

8-सावन में सभी सोमवार और रविवार का व्रत करना चाहिए, इससे शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं. माता पार्वती के लिए भौम व्रत का विधान है.

9- कामनाओं की पूर्ति के लिए ईंख के रस से शिव का पूरे सावन अभिषेक करना चाहिए.

10-पूरे सावन पंचामृत से अभिषेक करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है.