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जन्म कुंडली अशुभ योग उपस्थित हो तो राजयोग नष्ट होता है. केमद्रुम आदि योगो के उपस्थित होने पर राजयोग नहीं होता. पन्नग योग भी ऐसा ही अशुभ योग है. ग्रहों से बनने वाले दुस्तर योगों में दल योग माना गया है. केंद्र में दसम भाव में यदपि कि पाप ग्रह शुभ कहे गये हैं यदि वे केंद्र के स्वामी हों लेकिन लग्न, सप्तम, चतुर्थ में पाप ग्रह उसका नाश करते हैं.

माला और पन्नग योग –

केंद्रत्रयगतै: सौम्यै पापैस्तु पन्नग:
तीनो केंद्र में यदि शुभ ग्रह हों तो माला योग बनता है. तीन केन्द्रों में यदि पाप ग्रह हों तो पन्नग योग होता है. पन्नग मतलब सर्प योग. ऐसे व्यक्तियों को नाना प्रकार के दुःख उठाने पड़ते हैं. माला योग होने पर जातक सुख प्राप्त करता है.