भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं इनकी प्रथम पूजा करने का विधान है. हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा आराधना की जाती है. साल के प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं. इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. हिन्दू धर्म के सभी सम्प्रदायों ने अपनी तिथि बना ली है और उस तिथि में वे अपने देवता की पूजा करते हैं. मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से गणपति की पूजा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही सभी दुःख, संकट और क्लेश दूर हो जाते हैं.
विनायक गणेश चतुर्थी व्रत मुहूर्त-
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 1 अप्रैल को सुबह 5:42 से शुरू होकर 2 अप्रैल को रात्रि 2:32 पर समाप्त हो रही है. ऐसे में यह व्रत 1 अप्रैल को रखा जाएगा.
इस दिन विधि पूर्वक गणेश की पूजा करनी चाहिए. गणेश की पूजा कलियुग में फलदायक मानी जाती है. कलियुग में सिरविहीन सभी देवता फलदायक कहे गये हैं क्योकि यह युग सिरविहीन है.

