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महाकुंभ हादसे के बाद सबसे बड़ी खबर जो ब्रेक हुई वह हिन्दुओं को शर्मशार करने वाली थी. कुम्भ में स्नान करने गईं महिलाओं और लड़कियों के वीडियो को कुछ क्रिमिनल टेलिग्राम पर बेच रहे थे. मेटा के प्लेटफॉर्म इन्स्टाग्राम पर भी ये निजी वीडियो मौजूद है और उसे बेचा जा रहा था. ये वीडियो उस वक्त रिकॉर्ड किए गए जब ये महिलाएं गंगा में स्नान कर रही थीं या कपड़े बदल रही थीं. मेटा के प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और फेसबुक पर महाकुंभ से जुड़े हैशटैग और कीवर्ड के साथ महिलाओं के अर्धनग्न कपड़े बदलते वीडियो शेयर किए गए. इसके बाद ऐसे ही वीडियो टेलीग्राम के भी एक चैनल के जरिए वायरल किए गए. टेलिग्राम पर ये वीडियो बेचे भी जा रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में दोनों ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के खिलाफ अलग अलग केस दर्ज किए थे . इस केस की छानबीन शुरू हुई और महाकुंभ से जुड़ी भ्रामक और आपत्तिजनक जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए बनाई गई टीम ने इस पर कार्रवाई की है और 100 से ज्यादा अकाउंट को चिन्हित कर उन पर कार्यवाई की है.

पुलिस के अनुसार, टेलीग्राम अकाउंट, CCTV और चैनल 11 का नाम है. FIR में बताया गया है कि महाकुंभ में महिलाओं के नहाते और कपड़ा बदलने की तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर शेयर गया गया है. यह धंधा डार्क वेब के जरिये किया जा रहा था. डार्क वेब को इंटरनेट की दुनिया का ‘अंडरवर्ल्ड’ माना जाता है. ज्यादातर मामलों में साइबर अपराधी क्राइम के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं. डार्क वेब एक ऐसा हिस्सा है जो इंटरनेट पर मौजूद है, लेकिन ये समान्य सर्च इंजन जैसे कि गूगल, बिंग के द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता है. ये एक प्रकार का एन्क्रिप्टेड नेटवर्क है जो स्पेशल सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बाह ही एक्सेस किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल मानव तस्करी, ड्रग्स की डील, हथियारों की तस्करी और चाइल्ड पॉर्नग्राफी के लिए किया जाता है

महिलाओं के ये वीडियो इन्स्टाग्राम और टेलीग्राम के जिन ग्रुप में बेचे जा रहे थे उन ग्रुपों में जुड़ने के लिए सब्सक्रिप्शन फ़ीस 2 से 3 हजार रुपये रखी गई थी. एक चैनल पर 1999 रूपए में सब्सक्रिप्शन लेने पर महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो देने की शर्त रखी गई थी. इस प्रकार सब्सक्रिप्शन द्वारा ये वीडियो बेचे जा रहे थे. कुम्भ के अलावा हस्पतालों के लेबर रूम, स्पा और ब्यूटीपार्लर से भी महिलाओं के आपत्तिजनक वीडियो और फोटो निकाले गये और उसे यूट्यूब, टेलीग्राम और इन्स्टाग्राम पर बेचे जा रहे थे. राजकोट के एक निजी अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं के वीडियो टेलिग्राम और यूट्यूब पर पाए गए. ये वीडियो सीटीवी फुटेज थे जो महिलाओं की जांच के दौरान रिकॉर्ड हुए थे. इन्हें भी 1000 से 1500 रुपये की कीमत पर टेलिग्राम पर बेचा जा रहा था. इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गौरलतब है कि इस बार भी जो क्रिमिनल पकड़े गये वो गुजरात इलाके के थे.